HI/660718 प्रवचन - श्रील प्रभुपाद न्यूयार्क में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं

Nectar Drops from Srila Prabhupada
"भगवद् गीता में यह स्पष्ट वर्णित है कि, "मेरे प्रिय अर्जुन ! तुमने भी कईं जन्म लिए। तुम मेरे निरन्तर साथी रहे थे और अभी भी हो। अत: जब-जब मैं किसी भी ग्रह पर अवतरित होता हूँ, तो तुम भी जन्म लेते हो। अत: जब मैं सूर्य ग्रह पर अवतरित हुआ तब मैंने भगवद् गीता, सूर्य देव को सुनाई, तुम भी वहाँ पर उपस्थित थे, लेकिन दुर्भाग्यवश तुम उसे भूल चुके हो, क्योंकि तुम जीवधारी हो और मैं परमपिता परमात्मा भगवान् हूँ। "भगवान् और जीव में यही अन्तर है... कि मुझे स्मरण नहीं रह सकता। भूलना मेरा स्वभाव है।"
660718 - Lecture BG 04.03-6 - New York