HI/660914 प्रवचन - श्रील प्रभुपाद न्यूयार्क में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं

HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी
"कोई भी कृष्ण की तरह यशस्वी नहीं हो सकता। संपूर्ण विश्व में वे विख्यात हैं, तब भारत की तो क्या बात करें? संपूर्ण ख्याति। उसी प्रकार वे पूर्णतया शक्तिशाली, पूर्णतया समृद्ध, पूर्णतया सौन्दर्यवान, पूर्णतया ज्ञानवान... भगवद् गीता में देखो, यह श्री कृष्ण द्वारा उच्चारित है। इसकी कोई समानता नहीं है और न ही भगवद् गीता की कोई बराबरी है। देखो! यह ज्ञान है? पूर्ण ज्ञान। अत: जो यह छह ऐश्वर्यों का पूर्णतया विधाता है। वह भगवान् हैं। जो, पूर्ण शक्तिशाली, पूर्ण यशस्वी, पूर्ण सौंदर्यशाली, पूर्ण ज्ञानी, पूर्ण समृद्ध, पूर्ण त्यागी है, वही भगवान् हैं। यह भगवान् की परिभाषा है।"
660914 - Lecture BG 06.32-40 - New York