HI/661023 प्रवचन - श्रील प्रभुपाद न्यूयार्क में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं: Difference between revisions
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Latest revision as of 03:49, 14 March 2022
HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी |
"एक बालक, यदि अग्नि के विज्ञान को, भौतिक बंधारण को जाने बिना उसे स्पर्श करता है, तो अग्नि तो अपना कार्य करेगी। और एक वैज्ञानिक जिसे अग्नि के स्वभाव का ज्ञान है और फिर भी यदि उसे स्पर्श करेगा तो वह भी... तो वह भी जलेगा। इसीप्रकार कृष्णभावनामृत भी इतना अच्छा है कि, यदि आप इसका तत्वज्ञान या विज्ञान को जाने बिना भी इसे अपना लेते हैं, तो भी इसका प्रभाव अवश्य पड़ेगा। किन्तु यदि आप इसकी तत्वज्ञान या विज्ञान को समझने के इच्छुक हैं, तो हमारे पास भगवद् गीता है; जिसमें ज्ञान का पर्याप्त भंडार संचित है।" |
661023 - प्रवचन भ.गी. ७.२८-८.६ - न्यूयार्क |