HI/670124 प्रवचन - श्रील प्रभुपाद सैन फ्रांसिस्को में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं: Difference between revisions
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Latest revision as of 17:21, 3 April 2021
HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी |
"जैसे की कुछ नैतिकतावादी कहते हैं कि "क्या उपयोग है - भगवान, भगवान, हरे कृष्ण का? बस अपना कर्तव्य निभाओ।" किन्तु उन्हें पता नहीं है कि, उनका कर्तव्य क्या है। कर्तव्य है केवल भगवान की पूजा करना, और कुछ भी नहीं। यही कर्तव्य है। अन्य सभी कर्तव्य केवल माया का जाल हैं। अन्य कोई कर्तव्य नहीं है। क्योंकि यह मनुष्य जीवन केवल उसी कर्तव्य के लिए है। पशु इस कर्तव्य को निभा नहीं सकते। सिर्फ मनुष्य ही इसे निभा सकता है। इसलिए हमारा एकमात्र कर्तव्य है, कि हम भगवान को समझें और स्वयं इस मार्ग में जुट जायें।" |
670124 - प्रवचन चै.च. मध्य २५.४०-५० - सैन फ्रांसिस्को |