HI/670715 - श्रीपाद नारायण महाराज को लिखित पत्र, स्टिंसन समुद्र तट

Revision as of 11:21, 25 January 2023 by Harsh (talk | contribs) (Created page with "Category:HI/1967 - श्रील प्रभुपाद के पत्र Category:HI/श्रील प्रभुपाद के सभी पत्र हि...")
(diff) ← Older revision | Latest revision (diff) | Newer revision → (diff)
His Divine Grace A.C. Bhaktivedanta Swami Prabhupāda



१५ जुलाई, १९६७


“श्री श्री गुरु गौरांगो जयतः”

ए.सी. भक्तिवेदांत स्वामी


श्री श्री वैष्णव चरण दंडवत पूर्वकीयम्

वैष्णवों के कमल चरणों में दंडवत करके फिर मैं लिख रहा हूँ।

श्रीपाद नारायण महाराज,

अगर कृष्ण की इच्छा है तो मैं अगले सप्ताह दिल्ली या कलकत्ता पहुंच जाऊंगा, इसलिए आपको कोई पैसा खर्च करने की आवश्यकता नहीं है। अगर विनोद कुमार को अपना पासपोर्ट प्राप्त हो जाता है, तो उन्हें मेरे पत्र का इंतजार करना चाहिए। मेरे साथ एक ही शिष्य आएगा। एक टिकट की कीमत ५००००/- रुपये (पचास हजार रुपये) है, इसलिए मैं अब थोड़ा चिंतित हूं। अभी के लिए आपके पास जो भी रुपये बचे हैं, उसे खर्च न करें। मेरे पत्र की प्रतीक्षा करें।

वसंवद
(कृतज्ञतापूर्वक),

श्री भक्तिवेदांत स्वामी

© गौड़ीय वेदांत प्रकाशन सीसी-बीवाई-एनडी