HI/680521 प्रवचन - श्रील प्रभुपाद बॉस्टन में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं: Difference between revisions

 
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{{Audiobox_NDrops|HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी|<mp3player>https://s3.amazonaws.com/vanipedia/Nectar+Drops/680521IN-BOSTON_ND_01.mp3</mp3player>|"तो विवाह वैदिक सभ्यता के अनुसार स्त्री के लिए बहुत अनिवार्य है। स्त्री की स्वतंत्रता की अनुमति वैदिक स्तुति द्वारा नहीं दी जाती है। स्मृति का अर्थ है नियम, वैदिक नियम । नारी को पिता की देखरेख में होना चाहिए, जब तक वह विवाहित न हो, और उसकी युवा अवस्था में उचित पति की देखरेख में होनी चाहिए, और वृद्धावस्था में बुजुर्ग बच्चों की देखभाल में होनी चाहिए। "|Vanisource:680521 - Lecture Initiation - Boston|680521 - प्रवचन Initiation - बॉस्टन}}
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{{Nectar Drops navigation - All Languages|Hindi|HI/680510b प्रवचन - श्रील प्रभुपाद बॉस्टन में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं|680510b|HI/680603 प्रवचन - श्रील प्रभुपाद मॉन्ट्रियल में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं|680603}}
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Revision as of 07:30, 26 May 2019

HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी
तो वैदिक सभ्यता के अनुसार स्त्री के लिए विवाह बहुत अनिवार्य है । वैदिक स्मृति के अनुसार स्त्री की स्वतंत्रता की अनुमति नहीं दी जाती है । स्मृति का अर्थ है नियम, वैदिक नियम । नारी को पिता की देखरेख में होना चाहिए, जब तक वह विवाहित न हो, और उसकी युवा अवस्था में उचित पति की देखरेख में होनी चाहिए, और वृद्धावस्था में सयाने बच्चों की देखभाल में होनी चाहिए ।
680521 - प्रवचन दीक्षा - बॉस्टन