HI/680720 प्रवचन - श्रील प्रभुपाद मॉन्ट्रियल में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं: Difference between revisions
(Created page with "Category:HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी Category:HI/अमृत वाणी - १९६८ Category:HI/अम...") |
(Vanibot #0019: LinkReviser - Revise links, localize and redirect them to the de facto address) |
||
Line 2: | Line 2: | ||
[[Category:HI/अमृत वाणी - १९६८]] | [[Category:HI/अमृत वाणी - १९६८]] | ||
[[Category:HI/अमृत वाणी - मॉन्ट्रियल]] | [[Category:HI/अमृत वाणी - मॉन्ट्रियल]] | ||
{{Audiobox_NDrops|HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी|<mp3player>https://s3.amazonaws.com/vanipedia/Nectar+Drops/680720BG-MONTREAL_ND_01.mp3</mp3player>| | <!-- BEGIN NAVIGATION BAR -- DO NOT EDIT OR REMOVE --> | ||
{{Nectar Drops navigation - All Languages|Hindi|HI/680718 प्रवचन - श्रील प्रभुपाद मॉन्ट्रियल में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं|680718|HI/680720b प्रवचन - श्रील प्रभुपाद मॉन्ट्रियल में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं|680720b}} | |||
<!-- END NAVIGATION BAR --> | |||
{{Audiobox_NDrops|HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी|<mp3player>https://s3.amazonaws.com/vanipedia/Nectar+Drops/680720BG-MONTREAL_ND_01.mp3</mp3player>|बहूनाम जन्मनाम, कई जन्मों के बाद, यदि वे किसी सच्चे भक्त से मिलने के लिए भाग्यशाली होते हैं, तो वह प्रबुद्ध हो जाता है । वासुदेवः सर्वम ईति ([[HI/BG 7.19|भ.गी. ७.१९]]), और वह वासुदेव, कृष्ण को सब कुछ स्वीकार करता है । स महात्मा सुदुर्लभः "इस तरह की महान आत्मा बहुत दुर्लभ है ।" तो यहाँ हरे कृष्ण का जाप करके महान आत्मा के उस पद को सीधे पाने का अवसर है । तो ये बहुत वैज्ञानिक है । हम इस सूत्र को किसी भी व्यक्ति को प्रस्तुत कर सकते हैं जो इस आंदोलन को वैज्ञानिक, दार्शनिक, तार्किक रूप से समझना चाहते हैं । इस आंदोलन में इन सभी चीजों की कोई कमी नहीं है ।|Vanisource:680720 - Lecture BG Excerpt - Montreal|680720 - प्रवचन भगवद गीता अंश - मॉन्ट्रियल}} |
Latest revision as of 17:34, 17 September 2020
HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी |
बहूनाम जन्मनाम, कई जन्मों के बाद, यदि वे किसी सच्चे भक्त से मिलने के लिए भाग्यशाली होते हैं, तो वह प्रबुद्ध हो जाता है । वासुदेवः सर्वम ईति (भ.गी. ७.१९), और वह वासुदेव, कृष्ण को सब कुछ स्वीकार करता है । स महात्मा सुदुर्लभः "इस तरह की महान आत्मा बहुत दुर्लभ है ।" तो यहाँ हरे कृष्ण का जाप करके महान आत्मा के उस पद को सीधे पाने का अवसर है । तो ये बहुत वैज्ञानिक है । हम इस सूत्र को किसी भी व्यक्ति को प्रस्तुत कर सकते हैं जो इस आंदोलन को वैज्ञानिक, दार्शनिक, तार्किक रूप से समझना चाहते हैं । इस आंदोलन में इन सभी चीजों की कोई कमी नहीं है । |
680720 - प्रवचन भगवद गीता अंश - मॉन्ट्रियल |