HI/680720 प्रवचन - श्रील प्रभुपाद मॉन्ट्रियल में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं: Difference between revisions

 
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Latest revision as of 17:34, 17 September 2020

HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी
बहूनाम जन्मनाम, कई जन्मों के बाद, यदि वे किसी सच्चे भक्त से मिलने के लिए भाग्यशाली होते हैं, तो वह प्रबुद्ध हो जाता है । वासुदेवः सर्वम ईति (भ.गी. ७.१९), और वह वासुदेव, कृष्ण को सब कुछ स्वीकार करता है । स महात्मा सुदुर्लभः "इस तरह की महान आत्मा बहुत दुर्लभ है ।" तो यहाँ हरे कृष्ण का जाप करके महान आत्मा के उस पद को सीधे पाने का अवसर है । तो ये बहुत वैज्ञानिक है । हम इस सूत्र को किसी भी व्यक्ति को प्रस्तुत कर सकते हैं जो इस आंदोलन को वैज्ञानिक, दार्शनिक, तार्किक रूप से समझना चाहते हैं । इस आंदोलन में इन सभी चीजों की कोई कमी नहीं है ।
680720 - प्रवचन भगवद गीता अंश - मॉन्ट्रियल