HI/680802 प्रवचन - श्रील प्रभुपाद मॉन्ट्रियल में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं: Difference between revisions
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Latest revision as of 17:34, 17 September 2020
HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी |
तो हर कोई, हर धर्म स्वीकार करता है "ईश्वर महान है,” कुल परिभाषा । यह एक तथ्य है । ईश्वर महान है । और हम छोटे, सूक्ष्म, हैं । भगवद गीता में कहा गया है, ममैवांशो जीवभूतः (भ.गी. १५.७) । भगवान कहते हैं, कृष्ण कहते हैं, की "ये सारे जीव मेरे शाश्वत अंश है ।" शाश्वत अंश का अर्थ है... हम बहुत आसानी से समझ सकते हैं । जैसे यह उंगली मेरे शरीर का शाश्वत अंश है । सभी लोग समझ सकते हैं । तो हम भगवान के शाश्वत अंश हैं । |
680802 - प्रवचन श्री.भा. १.२.५ - मॉन्ट्रियल |