HI/680811b प्रवचन - श्रील प्रभुपाद मॉन्ट्रियल में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं: Difference between revisions

 
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Latest revision as of 17:35, 17 September 2020

HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी
चैतन्य-चरितामृत में कहा गया है, गुरु कृष्ण कृपाय पाय भक्ति लता बीज (चै.च. मध्य १९.१५१): कृष्ण और गुरु की संयुक्त कृपा होगी । तब हमारा कृष्ण भावनामृत का अभियान सफल होगा । यह रहस्य है । कृष्ण हमेशा आपके भीतर रहते है । ईश्वरः सर्वभूतानां हृद्देशे अर्जुन तिष्ठति (भ.गी. १८.६१) । इसलिए कृष्ण आपके उद्देश्य की हर बात जानते है, और वे आपकी इच्छा के अनुसार आपको काम करने का अवसर देते है । यदि आप इस भौतिक दुनिया का आनंद लेना चाहते है तो कृष्ण आपको बुद्धिमत्ता देंगे कि कैसे आप एक बहुत अच्छे व्यवसायी, बहुत अच्छे राजनेता, बहुत अच्छे चालाक आदमी बन जाए ताकि आप पैसा कमा सकें और इंद्रियों का आनंद ले सकें । कृष्ण आपको बुद्धिमत्ता देंगे ।
680811 - प्रवचन ब्राह्मण दीक्षा - मॉन्ट्रियल