HI/680905 प्रवचन - श्रील प्रभुपाद न्यूयार्क में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं: Difference between revisions

(Vanibot #0025: NectarDropsConnector - update old navigation bars (prev/next) to reflect new neighboring items)
No edit summary
 
Line 5: Line 5:
{{Nectar Drops navigation - All Languages|Hindi|HI/680904 प्रवचन - श्रील प्रभुपाद न्यूयार्क में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं|680904|HI/680905b प्रवचन - श्रील प्रभुपाद न्यूयार्क में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं|680905b}}
{{Nectar Drops navigation - All Languages|Hindi|HI/680904 प्रवचन - श्रील प्रभुपाद न्यूयार्क में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं|680904|HI/680905b प्रवचन - श्रील प्रभुपाद न्यूयार्क में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं|680905b}}
<!-- END NAVIGATION BAR -->
<!-- END NAVIGATION BAR -->
{{Audiobox_NDrops|HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी|<mp3player>https://s3.amazonaws.com/vanipedia/Nectar+Drops/680905IN-NEW_YORK_ND_01.mp3</mp3player>|जब ब्रह्मचारी विवाहित होता है, तो उसे गृहस्थ कहा जाता है । लेकिन क्योंकि ब्रह्मचारी को अपने जीवन के आरंभ से ही भौतिक भोग के त्याग का प्रशिक्षण दिया जाता है, इसलिए वह सामान्य व्यक्ति की तरह पारिवारिक जीवन मे लीन नहीं रह सकता । साधारण आदमी, वे जीवन के अंत तक पारिवारिक जीवन या महिला के सहयोग को नहीं छोड़ सकते । लेकिन वैदिक प्रणाली के अनुसार, महिला से संबंध की केवल एक निश्चित अवधि तक की अनुमति दी गई है, केवल युवा दिनों के दौरान, केवल अच्छे बच्चों को उत्पन्न करने के लिए । क्योंकि पच्चीस साल की उम्र से लेकर पचास साल की उम्र तक, वह अच्छे बच्चे को उत्पन्न कर सकता है ।|Vanisource:680905 - Lecture Initiation and Wedding - New York|680905 - दीक्षा और विवाह प्रवचन - न्यूयार्क}}
{{Audiobox_NDrops|HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी|<mp3player>https://s3.amazonaws.com/vanipedia/Nectar+Drops/680905IN-NEW_YORK_ND_01.mp3</mp3player>|ब्रह्मचारी जब विवाहित होता है, तो उसे गृहस्थ कहा जाता है। परंतु ब्रह्मचारी को अपने जीवन के आरंभ से ही भौतिक भोग के त्याग का प्रशिक्षण दिया जाता है, इसलिए वह सामान्य व्यक्ति की तरह पारिवारिक जीवन में लीन नहीं रह सकता। साधारण व्यक्ति, वे जीवन के अंत तक पारिवारिक जीवन या महिला के संग को नहीं छोड़ सकते। परंतु वैदिक प्रणाली के अनुसार, महिला से संबंध की केवल एक निश्चित अवधि तक अनुमति दी गई है, केवल युवास्था के दौरान, केवल अच्छी संतान उत्पन्न करने के लिए। जोकि पच्चीस साल की उम्र से लेकर पचास साल की उम्र तक है। इस अवधि में व्यक्ति अच्छी संताने उत्पन्न कर सकता है।|Vanisource:680905 - Lecture Initiation and Wedding - New York|680905 - दीक्षा और विवाह प्रवचन - न्यूयार्क}}

Latest revision as of 04:31, 25 June 2022

HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी
ब्रह्मचारी जब विवाहित होता है, तो उसे गृहस्थ कहा जाता है। परंतु ब्रह्मचारी को अपने जीवन के आरंभ से ही भौतिक भोग के त्याग का प्रशिक्षण दिया जाता है, इसलिए वह सामान्य व्यक्ति की तरह पारिवारिक जीवन में लीन नहीं रह सकता। साधारण व्यक्ति, वे जीवन के अंत तक पारिवारिक जीवन या महिला के संग को नहीं छोड़ सकते। परंतु वैदिक प्रणाली के अनुसार, महिला से संबंध की केवल एक निश्चित अवधि तक अनुमति दी गई है, केवल युवास्था के दौरान, केवल अच्छी संतान उत्पन्न करने के लिए। जोकि पच्चीस साल की उम्र से लेकर पचास साल की उम्र तक है। इस अवधि में व्यक्ति अच्छी संताने उत्पन्न कर सकता है।
680905 - दीक्षा और विवाह प्रवचन - न्यूयार्क