HI/680912 प्रवचन - श्रील प्रभुपाद सैन फ्रांसिस्को में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं: Difference between revisions
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Revision as of 00:47, 9 January 2020
HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी |
एक कुत्ता घिनौनी हालत में भी हर्षित रहता है । वह सोचता है,"मैं बहुत खुश हूँ ।" तो एक सुवर, या कोई भी जानवर... हम इंसान हैं; हमें जीवन की बेहतर सुविधाएं दी गई हैं । जानवरों को प्रकृति द्वारा इतनी सुविधाएं नहीं दी जाती हैं, लेकिन फिर भी, वे खुश रहते हैं । अगर हम कहते हैं, निश्चित रूप से, सीधे, किसी को बुरा लग सकता है, लेकिन यह प्रकृति का नियम है । तो व्यक्ति कितनी ही घिनौनी स्थिति में हो परन्तु उसे लगता है कि वह खुश है । |
680912 - प्रवचन श्री.भा. ६.१.६-१५ - सैन फ्रांसिस्को |