HI/690115 - सुमति मोरारजी को लिखित पत्र, लॉस एंजिलस: Difference between revisions

(Created page with "Category:HI/1969 - श्रील प्रभुपाद के पत्र Category:HI/1969 - श्रील प्रभुपाद के प्रवचन,व...")
 
 
Line 7: Line 7:
[[Category:HI/श्रील प्रभुपाद के प्रवचन,वार्तालाप एवं पत्र - अमेरीका, लॉस एंजिलस]]
[[Category:HI/श्रील प्रभुपाद के प्रवचन,वार्तालाप एवं पत्र - अमेरीका, लॉस एंजिलस]]
[[Category:HI/श्रील प्रभुपाद के सभी पत्र हिंदी में अनुवादित]]   
[[Category:HI/श्रील प्रभुपाद के सभी पत्र हिंदी में अनुवादित]]   
[[Category:HI/श्रील प्रभुपाद के पत्र - श्री सुमति मोरारजी को‎]]
[[Category:HI/सभी हिंदी पृष्ठ]]
[[Category:HI/सभी हिंदी पृष्ठ]]
[[Category:Sumati Morarji - Letters]]
<div style="float:left">[[File:Go-previous.png|link=Category:Letters - by Date]]'''[[:Category:Letters - by Date|Letters by Date]], [[:Category:1969 - Letters|1969]]'''</div>
<div style="float:left">[[File:Go-previous.png|link=Category:Letters - by Date]]'''[[:Category:Letters - by Date|Letters by Date]], [[:Category:1969 - Letters|1969]]'''</div>
{{RandomImage}}
{{RandomImage}}
Line 16: Line 16:


जनवरी १५ , १९६९  <br/>
जनवरी १५ , १९६९  <br/>




Line 23: Line 22:


(१)न्यूयॉर्क और लंदन की मैकमिलन कंपनी द्वारा प्रकाशित भगवदगीता यथारूप <br/>
(१)न्यूयॉर्क और लंदन की मैकमिलन कंपनी द्वारा प्रकाशित भगवदगीता यथारूप <br/>
(२)अन्तर्राष्ट्रीय कृष्णभावनामृत संघ द्वारा प्रकाशित भगवान चैतन्य की शिक्षा<br/>
(२)अन्तर्राष्ट्रीय कृष्णभावनामृत संघ द्वारा प्रकाशित भगवान चैतन्य की शिक्षाएं <br/>


पहली पुस्तक स्टॉक में पहले से ही प्राप्त है, और दूसरी अगले महीने होने की उम्मीद है।  
पहली पुस्तक स्टॉक में पहले से ही प्राप्त है, और दूसरी अगले महीने निकलने की उम्मीद है।  


मुझे आपको सबसे अलग एयर मेल द्वारा भेजने वाला पहला उपहार पेश करने में सबसे ज्यादा खुशी है, और मुझे यह सुनकर खुशी होगी कि आप इसे कैसे पसंद करते हैं।
मुझे आपको सबसे अलग एयर मेल द्वारा भेजने वाला पहला किताब पेश करने में सबसे ज्यादा खुशी है, और मुझे यह सुनकर खुशी होगी कि आप इसे कैसे पसंद करते हैं।


आपके प्रभु की सेवा में,<br/>
प्रभु की सेवा में मैं आपका, <br/>
   
   
ए.सी. भक्तिवेदांत स्वामी<br/>
ए.सी. भक्तिवेदांत स्वामी<br/>

Latest revision as of 08:55, 23 April 2022

His Divine Grace A.C. Bhaktivedanta Swami Prabhupāda


जनवरी १५ , १९६९


मैडम सुमति मोरारजी बाईसाहेबा,
कृपया मेरा अभिवादन स्वीकार करें। मुझे उम्मीद है कि आपके साथ सब कुछ अच्छा हो रहा है। आपको यह जानकर प्रसन्नता होगी कि इस वर्ष मेरी दो पुस्तकें प्रकाशित हुई हैं। वे इस प्रकार हैं

(१)न्यूयॉर्क और लंदन की मैकमिलन कंपनी द्वारा प्रकाशित भगवदगीता यथारूप
(२)अन्तर्राष्ट्रीय कृष्णभावनामृत संघ द्वारा प्रकाशित भगवान चैतन्य की शिक्षाएं

पहली पुस्तक स्टॉक में पहले से ही प्राप्त है, और दूसरी अगले महीने निकलने की उम्मीद है।

मुझे आपको सबसे अलग एयर मेल द्वारा भेजने वाला पहला किताब पेश करने में सबसे ज्यादा खुशी है, और मुझे यह सुनकर खुशी होगी कि आप इसे कैसे पसंद करते हैं।

प्रभु की सेवा में मैं आपका,  

ए.सी. भक्तिवेदांत स्वामी