HI/690214 प्रवचन - श्रील प्रभुपाद लॉस एंजेलेस में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं

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HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी

"एक आदमी जो रोजाना लाखों डॉलर कमाता है, इसका मतलब यह नहीं है कि वह लाखों महिलाओं साथ संभोग का आनंद ले सकता है। यह संभव नहीं है। संभोग की उसकी शक्ति उतनी ही है जितनी दस डॉलर कमाने वाले में है। खाने की उसकी शक्ति उसी आदमी के समान जो दस डॉलर कमा रहा है। इसलिए वह यह नहीं सोचता है कि "मेरे जीवन का आनंद उसी व्यक्ति के समान है जो दस डॉलर कमा रहा है। फिर मैं रोज़ लाखों डॉलर कमाने के लिए इतनी मेहनत क्यों कर रहा हूँ? मैं उस तरह से अपनी ऊर्जा क्यों खराब कर रहा हूं?" आप देख रहे हैं? उन्हें मूढ़ कहा जाता है। न मां दुष्कृतिनो मूढ़ा ... (भ. गी. ७.१५)

वास्तव में जब वह लाखों डॉलर कमाता है, उसे अपने समय और ऊर्जा को भगवान को कैसे समझा जाए, जीवन का उद्देश्य क्या है, इसमें लगे रहना चाहिए।"
690214 - प्रवचन भ. गी. ०६.०२-०५ - लॉस एंजेलेस