HI/690322 प्रवचन - श्रील प्रभुपाद हवाई में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं: Difference between revisions

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Latest revision as of 09:33, 2 September 2022

HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी
"प्रह्लाद महाराज इस पर विचार कर रहे हैं कि, 'हालांकि मैं एक बालक हूँ, मेरी कोई शिक्षा नहीं है, मेरा पालन-पोषण बिल्कुल भी सात्विक नहीं है'। फिर भी, भक्तिमय सेवा निस्वार्थ है। भक्तिमय सेवा किसी भी भौतिक योग्यता पर निर्भर नहीं है। इसलिए मैं प्रयास करूँगा। मेरी क्षमता के अनुसार परमपिता परमात्मा से उनकी भक्ति की प्राप्ति के लिए प्रार्थना करूँगा।"
690322 - प्रवचन अंश - हवाई