HI/690501b प्रवचन - श्रील प्रभुपाद बोस्टन में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं: Difference between revisions
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{{Audiobox_NDrops|Nectar Drops from Srila Prabhupada|<mp3player>https://s3.amazonaws.com/vanipedia/Nectar+Drops/690501NA-BOSTON_ND_02.mp3</mp3player>|नास्तिक वर्ग के लोग खुदको स्वतंत्र बताते है, 'भगवान नहीं है', जब की वह सब मूर्खता है - मूढ़ । उन्हें मूढ़, प्रथम श्रेणी के मूर्ख के रूप में वर्णित किया गया है । न माम दुष्कृतिनो मूढ़ा प्रपद्यन्ते नराधमाः ([[HI/BG 7.15|भ.गी. ७.१५]]) । भगवद गीता का अध्ययन करे । सब कुछ है उसमे । जो नराधम है, वे मानव जाती मैं सबसे तुच्छ है । जैसे मनुष्य की सबसे तुच्छ जाती नास्तिक है, उसी तरह, मनुष्य की प्रथम श्रेणी कृष्ण भावनाभावित है । तो मनुष्य की सबसे ऊंची प्रजाति बनने का प्रयास करें । मानव जाति में सर्वोच्च लोगो के अभाव से ये संसार पीड़ित है । और उदाहरणीय बनो ।|Vanisource:690501 - Lecture Festival Appearance Day, Lord Nrsimhadeva, Nrsimha-caturdasi - Boston|690501 - प्रवचन भगवान् नरसिंहदेव आविर्भाव दिन, नरिसंह चतुर्दशी, बोस्टन}} |
Latest revision as of 10:22, 3 February 2021
Nectar Drops from Srila Prabhupada |
नास्तिक वर्ग के लोग खुदको स्वतंत्र बताते है, 'भगवान नहीं है', जब की वह सब मूर्खता है - मूढ़ । उन्हें मूढ़, प्रथम श्रेणी के मूर्ख के रूप में वर्णित किया गया है । न माम दुष्कृतिनो मूढ़ा प्रपद्यन्ते नराधमाः (भ.गी. ७.१५) । भगवद गीता का अध्ययन करे । सब कुछ है उसमे । जो नराधम है, वे मानव जाती मैं सबसे तुच्छ है । जैसे मनुष्य की सबसे तुच्छ जाती नास्तिक है, उसी तरह, मनुष्य की प्रथम श्रेणी कृष्ण भावनाभावित है । तो मनुष्य की सबसे ऊंची प्रजाति बनने का प्रयास करें । मानव जाति में सर्वोच्च लोगो के अभाव से ये संसार पीड़ित है । और उदाहरणीय बनो । |
690501 - प्रवचन भगवान् नरसिंहदेव आविर्भाव दिन, नरिसंह चतुर्दशी, बोस्टन |