HI/690616b प्रवचन - श्रील प्रभुपाद न्यू वृन्दावन में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं: Difference between revisions

 
No edit summary
 
(One intermediate revision by the same user not shown)
Line 5: Line 5:
{{Nectar Drops navigation - All Languages|Hindi|HI/690616 प्रवचन - श्रील प्रभुपाद न्यू वृन्दावन में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं|690616|HI/690618 प्रवचन - श्रील प्रभुपाद न्यू वृन्दावन में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं|690618}}
{{Nectar Drops navigation - All Languages|Hindi|HI/690616 प्रवचन - श्रील प्रभुपाद न्यू वृन्दावन में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं|690616|HI/690618 प्रवचन - श्रील प्रभुपाद न्यू वृन्दावन में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं|690618}}
<!-- END NAVIGATION BAR -->
<!-- END NAVIGATION BAR -->
{{Audiobox_NDrops|Nectar Drops from Srila Prabhupada|<mp3player>https://s3.amazonaws.com/vanipedia/Nectar+Drops/690616SB-NEW_VRINDABAN_ND_02.mp3</mp3player>|हम भौतिक प्रकृति की पकड़ में हैं... कर्मणा दैव-नेत्रेण ([[Vanisource:SB 3.31.1|श्री.भा. ३.३१.१]]) । आप कुछ निश्चित भौतिक गुण के प्रभाव में काम कर रहे हैं, और आप अपना अगला जीवन तैयार कर रहे हैं । आप यह नहीं कह सकते, 'ठीक है, मैं बहुत खुश हूं । मैं... मैं अमेरिका में पैदा हुआ हूं । मेरा देश बहुत महान राष्ट्र है, और हम बहुत अमीर हैं । इसलिए मैं अपनी अगली जिंदगी मैं भी, अमेरिका में आऊंगा । मैं यहाँ जन्म लूंगा और इस तरह से आनंद लूंगा ।' ओह, यह आपके हाथ में नहीं है । आप यह नहीं कह सकते हैं । वह है दैव-नेत्रेण । दैव । दैव का मतलब है कि अलौकिक शक्ति । दैव । वही चीज़: दैवी ही एषा गुणमयी मम माया ([[HI/BG 7.14|भ.गी. ७.१४]]) । आप नहीं कह सकते । दैव-नैत्रेण । आप अपना जीवन तैयार कर रहे हैं । उच्च अधिकारी आपको मौका देंगे । अगर आप खुद को अच्छी तरह से तैयार करते हैं, तो आपको अच्छा मौका मिलता है; आप उच्च ग्रह में जन्म लेते हैं । या यदि आप ख़ुद को तैयार करते हैं, अपने आप को अच्छी तरह से, तो आप कृष्ण के पास भी जा सकते हैं । अब यह आपकी पसंद है ।|Vanisource:690616 - Lecture SB 01.05.13 - New Vrindaban, USA|690616 - प्रवचन श्री.भा. १.५.१३ - न्यू वृंदावन, अमरीका}}
{{Audiobox_NDrops|Nectar Drops from Srila Prabhupada|<mp3player>https://s3.amazonaws.com/vanipedia/Nectar+Drops/690616SB-NEW_VRINDABAN_ND_02.mp3</mp3player>|हम भौतिक प्रकृति की पकड़ में हैं... कर्मणा दैव-नेत्रेण (श्री.भा. ३.३१.१)। आप कई निश्चित भौतिक गुण के प्रभाव में काम कर रहे हैं, और आप अपना अगला जीवन तैयार कर रहे हैं। आप यह नहीं कह सकते, 'ठीक है, मैं अत्यंत प्रसन्न हूं, क्योंकि मेरा जन्म अमेरिका में हुआ है। मेरा देश एक महान राष्ट्र है, और हम बहुत कुलीन हैं। इसलिए मैं अपनी अगले जीवन में भी, अमेरिका में आऊंगा। मैं यहाँ जन्म लूंगा और इस तरह से आनंद लूंगा।' ओह, यह आपके हाथ में नहीं है। आप यह नहीं कह सकते हैं। वह दैव-नेत्रेण है। दैव। दैव का अर्थ है अलौकिक शक्ति। दैव। वही वस्तु: दैवी ही एषा गुणमयी मम माया (भ.गी. ७.१४)। आप नहीं कह सकते। दैव-नैत्रेण। आप अपना आगामी जीवन तैयार कर रहे हैं। उच्च अधिकारी आपको अवसर देंगे। यदि आप स्वयं को अच्छी तरह से तैयार करते हैं, तो आपको अच्छा अवसर मिलता है; आप उच्च ग्रह में जन्म लेते हैं। तथा यदि आप स्वयं को भलीभाँति तैयार करते हैं, तो आप कृष्ण के पास भी जा सकते हैं। अब यह आपकी इच्छा है।|Vanisource:690616 - Lecture SB 01.05.13 - New Vrindaban, USA|690616 - प्रवचन श्री.भा. १.५.१३ - न्यू वृंदावन, अमरीका}}

Latest revision as of 03:23, 18 October 2022

Nectar Drops from Srila Prabhupada
हम भौतिक प्रकृति की पकड़ में हैं... कर्मणा दैव-नेत्रेण (श्री.भा. ३.३१.१)। आप कई निश्चित भौतिक गुण के प्रभाव में काम कर रहे हैं, और आप अपना अगला जीवन तैयार कर रहे हैं। आप यह नहीं कह सकते, 'ठीक है, मैं अत्यंत प्रसन्न हूं, क्योंकि मेरा जन्म अमेरिका में हुआ है। मेरा देश एक महान राष्ट्र है, और हम बहुत कुलीन हैं। इसलिए मैं अपनी अगले जीवन में भी, अमेरिका में आऊंगा। मैं यहाँ जन्म लूंगा और इस तरह से आनंद लूंगा।' ओह, यह आपके हाथ में नहीं है। आप यह नहीं कह सकते हैं। वह दैव-नेत्रेण है। दैव। दैव का अर्थ है अलौकिक शक्ति। दैव। वही वस्तु: दैवी ही एषा गुणमयी मम माया (भ.गी. ७.१४)। आप नहीं कह सकते। दैव-नैत्रेण। आप अपना आगामी जीवन तैयार कर रहे हैं। उच्च अधिकारी आपको अवसर देंगे। यदि आप स्वयं को अच्छी तरह से तैयार करते हैं, तो आपको अच्छा अवसर मिलता है; आप उच्च ग्रह में जन्म लेते हैं। तथा यदि आप स्वयं को भलीभाँति तैयार करते हैं, तो आप कृष्ण के पास भी जा सकते हैं। अब यह आपकी इच्छा है।
690616 - प्रवचन श्री.भा. १.५.१३ - न्यू वृंदावन, अमरीका