HI/690915b प्रवचन - श्रील प्रभुपाद लंडन में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं: Difference between revisions

 
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{{Audiobox_NDrops|HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी|<mp3player>https://s3.amazonaws.com/vanipedia/Nectar+Drops/690915LE-LONDON_ND_02.mp3</mp3player>|"तो हम इसे स्वतंत्र रूप से जप द्वारा वितरित कर रहे हैं। आप हमारे साथ जुड़ें, आप हमें समझने की कोशिश करें, कि हमारा तत्वज्ञान क्या है। हमारे पास मासिक पत्रिका, बैक टू गॉडहेड है। हमारे पास कई प्रकाशन हैं: भगवद गीता यथारूप, भगवान चैतन्य के शिक्षण। यदि आप तत्वज्ञान, विज्ञान, तर्क, के माध्यम से इस आंदोलन को समझना चाहते हैं, तो हम तैयार हैं। आपके लिए पर्याप्त अवसर है। लेकिन यदि आप केवल जप करते हैं, तो शिक्षा की कोई आवश्यकता नहीं है, तत्वज्ञान की आवश्यकता नहीं है। हरे कृष्ण, हरे कृष्ण, कृष्ण,कृष्ण हरे हरे / हरे राम, हरे राम, राम राम, हरे हरे, और आप सब कुछ हासिल करते हैं। "|Vanisource:690915 - Lecture at Conway Hall - London|690915 - प्रवचन at Conway Hall - लंडन}}
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Latest revision as of 03:23, 21 August 2021

HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी
"हम कृष्णभावनामृत को बिना किसी मूल्य के वितरित कर रहे हैं। हम जप का प्रचार कर रहे हैं। आप हमारे साथ जुड़ जाएं, आप समझने का प्रयत्न करें की हमारा दर्शन क्या है। हमारी एक मासिक पत्रिका है, जिसका नाम 'भगवद्धाम की ओर' है। हम कई ग्रंथ प्रकाशित करते हैं: भगवद्गीता यथारूप, भगवान चैतन्य की शिक्षाएं इत्यादि। यदि आप इस आंदोलन को दर्शन, विज्ञान, तर्क, के माध्यम से समझना चाहते हैं तो हम तैयार हैं। आपके लिए यहाँ पर पर्याप्त अवसर है। परंतु यदि आप केवल जप करते है , तो शिक्षा की आवश्यकता नहीं है, दार्शनिक चिंतन की आवश्यकता नहीं है। सदैव हरे कृष्ण, हरे कृष्ण, कृष्ण,कृष्ण हरे हरे / हरे राम, हरे राम, राम राम, हरे हरे, का जप करें तथा इस प्रकार आप समूचा लाभ प्राप्त कर सकते हैं।"
690915b- कॉनवे हॉल में बातचीत - लंडन