HI/700507b प्रवचन - श्रील प्रभुपाद लॉस एंजेलेस में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं

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HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी
"धर्मस्य तत्त्वं निहितं गुहायां। धार्मिक रीतियों का रहस्य हृदय के भीतर छिपा है। तो हम उसका प्रत्यक्ष अनुभव किस प्रकार कर सकते हैं? महाजनो येन गतः स पन्थाः (चैतन्य चरितामृत मध्य लीला १७.१८६)। हमें महापुरुषों का अनुसरण करना होगा। इसलिए हम भगवान कृष्ण या चैतन्य महाप्रभु का अनुसरण कर रहे हैं। यह ही परम सिद्धि है। हमें वेदों से प्रमाण ग्रहण करने होंगे। हमें निर्देशों का पालन करना होगा। तब सफलता निश्चित है। यह ही सम्पूर्णता है।"
700507 - प्रवचन ISO 05 - लॉस एंजेलेस