HI/701226 प्रवचन - श्रील प्रभुपाद सूरत में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं

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HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी
"जो लोग वास्तव में बुद्धिमान हैं, सर्व-धर्म परित्यज्य मॉम एकम (भ.गी. १८.६६), वह केवल कृष्ण की आराधना करते हैं। वह वास्तव में बुद्धिमान हैं, क्योंकि इसका परिणाम स्थायी है। यदि कोई कृष्ण की आराधना पद्यति अनुसार करता है तो, त्यक्त्वा देहम पुनर जन्म नैती (भ.गी. ४.९)
[[ यह ही समाधान है। इसका अर्थ यह है कि शरीर त्यागने के बाद, ऐसा व्यक्ति इस भौतिक संसार में पुनः लौटकर नहीं आता। इसलिए केवल कृष्ण की आराधना इस जीवन का वास्तविक समाधान है।"|Vanisource:701226 - Lecture SB 06.01.44 - Surat]]