HI/710131b प्रवचन - श्रील प्रभुपाद इलाहाबाद में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं

HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी
"तो कृष्ण, या सर्वोच्च भगवान, सभी के ह्रदय में वास करते हैं। इसलिए बिल्ली, कुत्ता और सूअर है-वे भी जीवित प्राणी हैं, जीवित इकाई हैं-इसलिए कृष्ण उनके ह्रदय में भी वास करते हैं। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि वे सूअर के साथ घृणित स्थिति में रह रहे हैं। उनके पास अपना वैकुंठ है। वह जहां भी जाते हैं वह वैकुंठ है। इसी तरह, जब कोई जप करता है, तो वह जप... पवित्र नाम और कृष्ण के बीच कोई अंतर नहीं है। और कृष्ण कहते हैं कि "मैं वहां रहता हूं जहां मेरे शुद्ध भक्त जप करते हैं।" इसलिए जब कृष्ण आते हैं, जब कृष्ण आपकी जिह्वा पर होते हैं, तो आप इस भौतिक संसार में कैसे रह सकते हैं? यह पहले से ही वैकुंठ है, बशर्ते आपका जप अपराध रहित हो।"
710131 - प्रवचन SB 06.02.48 - इलाहाबाद