HI/710215b प्रवचन - श्रील प्रभुपाद गोरखपुर में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं

Revision as of 23:03, 16 July 2020 by Vanibot (talk | contribs) (Vanibot #0025: NectarDropsConnector - add new navigation bars (prev/next))
HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी
"तो तुम इस मन्त्र का उच्चारण और पुष्पांजलि अर्पण कर सकते हो। और हम एक साथ पुष्प अर्पण करेंगे। वस्तुतः, यह अर्चना है..., वह मेरा कर्त्तव्य है। लेकिन सगोष्ठी। इसके बाद मुझे अपने आध्यात्मिक परिवार के साथ पूजा अर्पण करनी होगी, सगोष्ठी। इसको कहते हैं सगोष्ठी। ठीक जैसे व्यासदेव कहते हैं, धीमहि। वे वंदन अर्पण कर रहे हैं सगोष्ठी, अपने सभी अनुयायियों और शिष्यों के साथ। यही विधि है।"
Appearance Day, Bhaktisiddhanta Sarasvati - - गोरखपुर