HI/710630 बातचीत - श्रील प्रभुपाद लॉस एंजेलेस में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं

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HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी
"कोई भी ईमानदार आत्मा जो कृष्ण की सेवा करने का प्रयास कर रही है, उसे लाभ होगा। इसमें कोई संदेह नहीं है। बस ईमानदारी चाहिए। सत्य शमः दमः तितिक्षा आर्जवम्(भ.गी.१८.४२)। आर्जवम् का अर्थ है बिना किसी कपट के। तत्पश्चात, उस व्यक्ति की कृष्ण भावनामृत में उन्नति आश्वस्त है। कृष्ण बहुत बुद्धिमान हैं; वह भीतर बैठे है। आप उन्हें धोखा नहीं दे सकते।"
७१०६३० - बातचीत - लॉस एंजेलेस