HI/710701 बातचीत - श्रील प्रभुपाद लॉस एंजेलेस में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं

HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी
"कोई भी जो विशेष रूप से प्रभु की सेवा के प्रति विशुद्ध समर्पण के कारण, परम ईश्वर, देवत्व का व्यक्तित्व के सहाययुक्त है, वह भ्रम के दुरतिक्रम्य सागर पर काबू पा सकता है और प्रभु को भी समझ सकता है। लेकिन वे जो शरीर से जुड़े हैं, जिसे अंत में कुत्ते और गीदड़ खा जाएंगे, नहीं कर सकते हैं।"
710701 - श्री.भा. २.७.४२ पर प्रवचन - लॉस एंजेलेस