HI/720221 प्रवचन - श्रील प्रभुपाद विशाखापट्नम में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं
HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी |
"कृष्ण भगवद गीता में कहते है;
मांहिपार्थव्यपाश्रित्ययेSपिस्यु: पापयोनयः |
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स्त्रियोवैश्यास्तथा शुद्रास्तेSपियान्तिपरांगतिम् |]] |