HI/730921 बातचीत - श्रील प्रभुपाद बॉम्बे में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं: Difference between revisions

 
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{{Audiobox_NDrops|HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी|<mp3player>https://s3.amazonaws.com/vanipedia/Nectar+Drops/730921R2-BOMBAY_ND_01.mp3</mp3player>|"यह हमारा लक्ष्य है, यह सिखाना कि "तुम केवल समय बर्बाद कर रहे हो। कृष्ण भावना को अंगीकार करो।" यही तुम्हारा धंधा है। और अगला धंधा  है, और जो लोग प्रत्यक्ष रूप से इसे नहीं ले सकते, तब उनको, उन्हें इस आंदोलन कि सहायता करनी चाहिए। इसलिए हम द्वार से द्वार पर जाते हैं, उन्हें जोड़ने के लिए, इस आंदोलन से सम्बद्ध करने के लिए। " |Vanisource:730921 - Conversation B - Bombay|730921 - बातचीत B - बॉम्बे}}
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Latest revision as of 04:07, 12 December 2021

HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी
"यह हमारा लक्ष्य है, आपको यह सिखाना कि "आप केवल अपना समय बर्बाद कर रहे हैं। कृष्ण भावनामृत को अंगीकार करें।" यह ही आपका व्यवसाय है। और आपका अगला व्यवसाय है, जो लोग प्रत्यक्ष रूप से इस आंदोलन को स्वीकार नहीं कर सकते, तब उन्हें इस आंदोलन की सहायता करनी चाहिए। इसलिए हम द्वार से द्वार जाते हैं, उन्हें जोड़ने के लिए, इस आंदोलन से उनका संबंध स्थापित करने के लिए।"
730921 - बातचीत B - बॉम्बे