HI/731215 प्रवचन - श्रील प्रभुपाद लॉस एंजेलेस में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं

Revision as of 23:23, 31 August 2020 by Vanibot (talk | contribs) (Vanibot #0025: NectarDropsConnector - add new navigation bars (prev/next))
(diff) ← Older revision | Latest revision (diff) | Newer revision → (diff)
HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी
"आजकल वोट के दिन हैं। कोई भी धूर्त, यदि वह वोट पा लेता है येन केन प्रकारेण, तब वह ऊँचा पद हासिल कर लेता है। यह श्रीमद भागवतम में भी लिखा है, कि कलियुग में यह विचार नहीं होगा कौन राष्ट्रपति या राजसिंहासन के ऊँचे पद को ग्रहण करने योग्य है। बस येन केन प्रकारेण, छल कपट से, वह पदारूढ़ हो जायेगा। इसलिए जनसमूह कष्ट भोग रहा है। यह नहीं है... आजकल, जनतंत्र के दिनों में, जनता के द्वारा शासन, (जनता के लिए) शासन। तो यदि शासन जनता के द्वारा है, (तब) हाँ, तुम अपने प्रतिनिधि का चुनाव करो। (किन्तु) यदि तुम मूर्ख हो, तब तुम एक दूसरे मूर्ख को चुनोगे। "
731215 - प्रवचन SB 01.15.37 - लॉस एंजेलेस