HI/740408 सुबह की सैर - श्रील प्रभुपाद बॉम्बे में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं: Difference between revisions

 
(Vanibot #0025: NectarDropsConnector - update old navigation bars (prev/next) to reflect new neighboring items)
 
Line 2: Line 2:
[[Category:HI/अमृत वाणी - १९७४]]
[[Category:HI/अमृत वाणी - १९७४]]
[[Category:HI/अमृत वाणी - बॉम्बे]]
[[Category:HI/अमृत वाणी - बॉम्बे]]
<!-- BEGIN NAVIGATION BAR -- DO NOT EDIT OR REMOVE -->
{{Nectar Drops navigation - All Languages|Hindi|HI/740407 सुबह की सैर - श्रील प्रभुपाद बॉम्बे में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं|740407|HI/740423 प्रवचन - श्रील प्रभुपाद हैदराबाद में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं|740423}}
<!-- END NAVIGATION BAR -->
{{Audiobox_NDrops|HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी|<mp3player>https://s3.amazonaws.com/vanipedia/Nectar+Drops/740408MW-BOMBAY_ND_01.mp3</mp3player>|"ईश्वर क्या है, सबसे पहले वह मौजूद होना चाहिए अन्यथा 'ईश्वर क्या है? का प्रश्न क्यों है. तो भगवान की प्रकृति क्या है, हमारी स्थिति क्या है, भगवान के साथ हमारा रिश्ता क्या है, हमारा कर्तव्य क्या है और जीवन का लक्ष्य क्या है, इन बातों का भगवद गीता में बहुत अच्छी तरह से बताया गया है. इसलिए अगर हम भगवद गीता को बहुत अच्छी तरह से समझते हैं, तो हम भगवान के पूरे विज्ञान को समझते हैं".
{{Audiobox_NDrops|HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी|<mp3player>https://s3.amazonaws.com/vanipedia/Nectar+Drops/740408MW-BOMBAY_ND_01.mp3</mp3player>|"ईश्वर क्या है, सबसे पहले वह मौजूद होना चाहिए अन्यथा 'ईश्वर क्या है? का प्रश्न क्यों है. तो भगवान की प्रकृति क्या है, हमारी स्थिति क्या है, भगवान के साथ हमारा रिश्ता क्या है, हमारा कर्तव्य क्या है और जीवन का लक्ष्य क्या है, इन बातों का भगवद गीता में बहुत अच्छी तरह से बताया गया है. इसलिए अगर हम भगवद गीता को बहुत अच्छी तरह से समझते हैं, तो हम भगवान के पूरे विज्ञान को समझते हैं".
|Vanisource:740408 - Morning Walk - Bombay|740408 - सुबह की सैर - बॉम्बे}}
|Vanisource:740408 - Morning Walk - Bombay|740408 - सुबह की सैर - बॉम्बे}}

Latest revision as of 23:04, 4 September 2020

HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी
"ईश्वर क्या है, सबसे पहले वह मौजूद होना चाहिए अन्यथा 'ईश्वर क्या है? का प्रश्न क्यों है. तो भगवान की प्रकृति क्या है, हमारी स्थिति क्या है, भगवान के साथ हमारा रिश्ता क्या है, हमारा कर्तव्य क्या है और जीवन का लक्ष्य क्या है, इन बातों का भगवद गीता में बहुत अच्छी तरह से बताया गया है. इसलिए अगर हम भगवद गीता को बहुत अच्छी तरह से समझते हैं, तो हम भगवान के पूरे विज्ञान को समझते हैं".

740408 - सुबह की सैर - बॉम्बे