HI/750807 सुबह की सैर - श्रील प्रभुपाद टोरंटो में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं: Difference between revisions

 
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{{Audiobox_NDrops|HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी|<mp3player>https://s3.amazonaws.com/vanipedia/Nectar+Drops/750807MW-TORONTO_ND_01.mp3</mp3player>|"यदि कोई वासुदेव की भक्ति सेवा में लगा हुआ है, तो वह तुरंत वैरागी हो जाता है - भौतिक चीजों और ज्ञान के लिए कोई लगाव नहीं रहता है। लेकिन इन बदमाशों में से अधिकांश, वे भक्त नहीं हैं। तथाकथित महान्त, वह महान्त नहीं हैं - मोहन्ध, 'महान अंधा'। इसलिए यह कठिनाई है। कृष्ण चेतना आंदोलन हर किसी को वासुदेव की भक्ति सेवा के मंच पर लाना है। फिर सब ठीक हो जाएगा। अन्य मंच कभी सफल नहीं होगा। बस दिखाओ। यह वास्तव में नहीं है। "|Vanisource:750807 - Morning Walk - Toronto|750807 - सुबह की सैर - टोरंटो}}
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{{Nectar Drops navigation - All Languages|Hindi|HI/750805 प्रवचन - श्रील प्रभुपाद डेट्रॉइट में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं|750805|HI/750919 सुबह की सैर - श्रील प्रभुपाद वृंदावन में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं|750919}}
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Latest revision as of 23:10, 4 October 2020

HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी
यदि कोई वासुदेव की भक्तिमय सेवा में लगा हुआ है, तो वह तुरंत वैरागी हो जाता है - भौतिक चीजों और ज्ञान के लिए कोई लगाव नहीं रहता है । लेकिन इन बदमाशों में से अधिकांश, वे भक्त नहीं हैं । तथाकथित महान्त, वह महान्त नहीं हैं - मोहान्ध, 'बड़ा अंधा' । तो यह कठिनाई है । कृष्ण भावनामृत आंदोलन हर किसी को वासुदेव की भक्ति सेवा के मंच पर लाता है । फिर सब ठीक हो जाएगा । अन्य मंच कभी सफल नहीं होगा । बस दिखावा । यह वास्तविकता नहीं है ।
750807 - सुबह की सैर - टोरंटो