HI/750807 सुबह की सैर - श्रील प्रभुपाद टोरंटो में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं

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HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी
यदि कोई वासुदेव की भक्तिमय सेवा में लगा हुआ है, तो वह तुरंत वैरागी हो जाता है - भौतिक चीजों और ज्ञान के लिए कोई लगाव नहीं रहता है । लेकिन इन बदमाशों में से अधिकांश, वे भक्त नहीं हैं । तथाकथित महान्त, वह महान्त नहीं हैं - मोहान्ध, 'बड़ा अंधा' । तो यह कठिनाई है । कृष्ण भावनामृत आंदोलन हर किसी को वासुदेव की भक्ति सेवा के मंच पर लाता है । फिर सब ठीक हो जाएगा । अन्य मंच कभी सफल नहीं होगा । बस दिखावा । यह वास्तविकता नहीं है ।
750807 - सुबह की सैर - टोरंटो