HI/Prabhupada 0213 - मौत को बंद करो तब मैं तुम्हारा रहस्यवाद देखूँगा: Difference between revisions

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भक्त जीन: ठीक है, यह मेरे मन में एक सवाल उठता है, यौर ग्रेस । ईसाई धर्म में एक इतिहास रहा है रहस्यवाद का १०० ए डी से अाज तक । अब कुछ प्रमुख रहस्यवादी रहे हैं, कुछ प्रमुख रहस्यवादी, और कई तो प्रमुख नहीं हैं । अब आप इन लोगों को कैसे वर्गीकृत करते हैं, ये ईसाई रहस्यवादी, प्रोटेस्टेंट और साथ ही कैथोलिक?
भक्त जीन: ठीक है, इससे मेरे मन में एक सवाल उठता है, यौर ग्रेस । ईसाई धर्म में रहस्यवाद का एक इतिहास रहा है १०० ए डी से अाज तक । कुछ प्रमुख रहस्यवादी रहे हैं, कुछ प्रमुख रहस्यवादी, और कई जो बहुत प्रमुख नहीं थे । अब आप इन लोगों को कैसे वर्गीकृत करते हैं, ये ईसाई रहस्यवादी, प्रोटेस्टेंट और साथ ही कैथोलिक ?  


प्रभुपाद: यह कुछ योग रहस्यवाद है । इसका आध्यात्मिक जीवन के साथ कुछ लेना देना नहीं है । वे कुछ चमत्कार देखना चाहते हैं, आम तौर पर, साधारण जनता । तो यह रहस्यवादी शक्ति, कुछ चमत्कार दिखाअो और उन्हें चकित करो । बस । इसका आध्यात्मिक जीवन के साथ कुछ लेना देना नहीं है।
प्रभुपाद: यह कुछ योग रहस्यवाद है । इसका आध्यात्मिक जीवन के साथ कुछ लेना देना नहीं है । वे कुछ चमत्कार देखना चाहते हैं, आम तौर पर, साधारण जनता । तो यह रहस्यवादी शक्ति, कुछ चमत्कार दिखाअो और उन्हें चकित करो । बस । इसका आध्यात्मिक जीवन के साथ कुछ लेना देना नहीं है ।


भक्त जीन: शायद आप मुझे गलत समझ रहे हैं । मैं वास्तव में भक्ति रहस्यवादीयों का जिक्र कर रही थी जैसे क्रॉस के सेंट जॉन, असीसी के सेंट फ्रांसिस ।
भक्त जीन: शायद आप मुझे गलत समझ रहे हैं । मैं वास्तव में भक्त रहस्यवादियों का जिक्र कर रही थी जैसे क्रॉस के सेंट जॉन, असीसी के सेंट फ्रांसिस ।  


प्रभुपाद: अगर भक्ति सेवा है, तो वहॉ रहस्यवाद की जरूरत क्या है? कोई जरूरत नहीं है । भगवान मेरे मालिक हैं, मैं उनका नौकर हूँ । कहां यह बकवास रहस्यवाद की जरूरत है?
प्रभुपाद: अगर भक्त है, तो वहाँ रहस्यवाद की क्या आवश्यकता है? कोई आवश्यकता नहीं है । भगवान मेरे मालिक हैं, मैं उनका दास हूँ । कहाँ यह बकवास रहस्यवाद की आवश्यकता है?  


भक्त जीन: मुझे लगता है कि यह शब्द रहस्यवाद, कई लोग इसके साथ खेल रहे हैं, विशेष रूप से यहाँ अमेरिका में ।
भक्त जीन: मुझे लगता है कि यह शब्द रहस्यवाद, कई लोग इसके साथ खेल रहे हैं, विशेष रूप से यहाँ अमेरिका में ।  


प्रभुपाद: इतने सारे लोग, हमें इतने सारे लोगों के साथ कुछ लेना देना नहीं है । अगर तुम वास्तव में भगवान के सेवक हो, तो भगवान हैं, तुम नौकर हो । तो तुम्हारा लेन - देन है । सिर्फ भगवान के आदेश का पालन करो । बस । क्यों तुम रहस्यवाद चाहते हो? बस लोगों को कुछ बाजीगरी दिखाने के लिए? तुम भगवान की सेवा करो । बस । और यह बहुत साधारण बात है, जो भगवान का आदेश है । मन मना भव मद-भक्तो मद-याजी माम नमस्कुरु ( भ गी १८।६५) रहस्यवाद का कहां सवाल है? रहस्यवाद का कोई सवाल ही नहीं है । भगवान कहते हैं "बस हमेशा मुझे याद करो । मुझे प्रणाम करो अौर मेरी पूजा करो ।" बस । रहस्यवाद की कहां जरूरत है? यह सब मायाजाल है ।
प्रभुपाद: इतने सारे लोग, हमें इतने सारे लोगों के साथ कुछ लेना देना नहीं है । अगर तुम वास्तव में भगवान के सेवक हो, तो भगवान हैं, तुम सेवक हो । तो तुम्हारा लेन - देन है । सिर्फ भगवान के आदेश का पालन करो । बस । क्यों तुम रहस्यवाद चाहते हो? बस लोगों को कुछ बाजीगरी दिखाने के लिए? तुम भगवान की सेवा करो । बस । और यह बहुत साधारण बात है, जो भगवान का आदेश है । मन्मना भव मद्भक्तो मद्याजी मां नमस्कुरु ([[HI/BG 18.65|. गी. १८.६५]]) रहस्यवाद का सवाल कहाँ है? रहस्यवाद का कोई सवाल ही नहीं है । भगवान कहते हैं "बस हमेशा मुझे याद करो । मुझे प्रणाम करो अौर मेरी पूजा करो ।" बस । रहस्यवाद की कहाँ जरूरत है? यह सब मायाजाल है । भारतीय पुरुष: मैं कहता हूँ,  मुझे लगता है कि एक अवधारणा है.........


भारतीय आदमी: मैं कहता हूँ, मुझे लगता है कि एक अवधारणा है.........
प्रभुपाद: आप अपने तरीके से सोचो ।


प्रभुपाद: आप अपने तरीके से सोचो
भारतीय पुरुष: नहीं, सर एक गलत अवधारणा है ...


भारतीय पुरुष: नहीं, सर । एक गलत अवधारणा है ...
प्रभुपाद: अापकी सोच का कोई अर्थ नहीं है जब तक अाप परम्परा में नहीं अाते हैं । भारतीय पुरुष: नहीं, सर । एक गलत अवधारणा है कि रहस्यवाद । वे कहते हैं कि यह आध्यात्मिक उन्नति के साथ आता है । मुझे लगता है कि वह यही बताने की कोशिश कर रहा है ।


प्रभुपाद: अापकी सोच का कोई अर्थ नहीं है जब तक अाप परम्परा में नहीं अाते हैं ।
प्रभुपाद: समस्या यह है कि हम हर जन्म में इस भौतिक संसार में दुख भोग रहे हैं, और हमारा लक्ष्य है कैसे घर को, भगवद्धाम को वापस जाएं। वे यह नहीं जानते हैं । वे कुछ रहस्यवाद दिखा रहे हैं । क्या वे ... मृत्यु को रोको ।  तब मैं तुम्हारा रहस्यवाद देखूँगा । यह बकवास रहस्यवाद क्या है? क्या आप मौत को रोक सकते हैं? क्या यह संभव है? तो फिर इस रहस्यवाद का अर्थ क्या है? सभी फर्जी । मेरी समस्या यह है कि मैं एक शरीर को स्वीकार करता हूँ और पीड़ा सहता हूँ, क्योंकि जैसे ही मुझे यह भौतिक शरीर मिलता है, मुझे दुख सहना पड़ेगा । तो मैं एक और शरीर का निर्माण कर रहा हूँ । मैं मरता हूँ । तथा देहान्तर-प्राप्ति:([[HI/BG 2.13| भ. गी. २.१३]])  ।  


भारतीय पुरुष: नहीं, सर एक गलत अवधारणा है कि रहस्यवाद वे कहते हैं कि यह आध्यात्मिक उन्नति के साथ आता है । मुझे लगता है कि वह यही बताने की कोशिश कर रहा है ।
और फिर एक और अध्याय शुरू होता है । इस तरह से, इस घास के जीवन से देवताओं तक, मैं बस शरीर बदल रहा हूँ और मर रहा हूँ और जन्म ले रहा हूँ यह मेरी समस्या है । तो रहस्यवाद क्या करेगा ? लेकिन वे नहीं जानते हैं कि समस्या क्या है । यह स्पष्ट रूप से भगवद्गीता में कहा गया है । जन्ममृत्युजराव्याधिदुःखदोषानुदर्शनम् ([[HI/BG 13.8-12|भ. गी. १३.९]]) यह आपकी समस्या है । आप बार बार जन्म ले रहे हैं और मर रहे हैं, और जब तक आप जी रह रहे हैं तो कई मुसीबतें हैं । जरा-व्याधी । विशेष रूप से बुढ़ापा और बीमारी । तो यह समस्या है । क्या रहस्यवाद आपकी सहायता करेगा ? रहस्यवाद अापके जन्म, मृत्यु, वृद्धावस्था और बीमारी को रोक पाएगा? तब वह रहस्यवाद है । अन्यथा, इस तरह की बकवास बातों का क्या उपयोग है । (विराम) ... असली रास्ते से गुमराह करना । वे जानते नहीं हैं कि जीवन की समस्या क्या है, जीवन का उद्देश्य क्या है । वे कुछ रहस्यवाद दिखाते हैं, और कुछ बदमाश लोग उनके पीछे पड़ जाते हैं । बस । "यहाँ फकीर है ।"


प्रभुपाद: समस्या यह है कि हम हर जन्म में इस भौतिक संसार में दुख भोग रहे हैं, और हमारा लक्ष्य है कैसे घर को वापस जाऍ, फिर से वापस देवत्व को । वे यह नहीं जानते हैं । वे कुछ रहस्यवाद दिखा रहे हैं । क्या वे ... मौत को बंद करो । तब मैं तुम्हारा रहस्यवाद देखूँगा । यह बकवास रहस्यवाद क्या है? क्या आप मौत को रोक सकते हैं? क्या यह संभव है? तो फिर इस रहस्यवाद का अर्थ क्या है? सभी फर्जी । मेरी समस्या यह है कि मैं एक शरीर को स्वीकार करता हूँ और पीड़ित हूँ, क्योंकि जैसे ही मुझे यह भौतिक शरीर मिलता है, मुझे पीड़ित होना पडेगा । तो मैं एक और शरीर का निर्माण कर रहा हूँ । मैं मरता हूँ । तथा देहान्तर-प्राप्ति: ( भ गी २।१३) । और फिर एक और अध्याय शुरू होता है । इस तरह से, इस घास जीवन से देवताओं तक, मैं बस शरीर बदल रहा हूँ और मर रहा हूँ और जन्म ले रहा हूँ । यह मेरी समस्या है । तो रहस्यवाद क्या करेगा ? लेकिन वे नहीं जानते हैं कि समस्या क्या है । यह स्पष्ट रूप से भगवद गीता में कहा गया है । जन्म-मृत्यु-जरा-व्याधि-दुक्ख-दोशानुदर्शनम ( भ गी १३।९) यह आपकी समस्या है । आप बार बार जन्म ले रहे हैं और मर रहे हैं, और जब तक आप जी रह रहे हैं तो कई मुसीबतें हैं । जरा-व्याधी । विशेष रूप से बुढ़ापा और बीमारी । तो यह समस्या है । क्या रहस्यवाद आपकी मदद करेगा ? रहस्यवाद अापके जन्म, मृत्यु, वृद्धावस्था और बीमारी को रोक पाएगा? तब वह रहस्यवाद है । अन्यथा, इस तरह की बकवास बातों का क्या उपयोग है । (विराम) ... असली रास्ते से गुमराह करना । वे जानते नहीं हैं कि जीवन की समस्या क्या है, जीवन का उद्देश्य क्या है । वे कुछ रहस्यवाद दिखाते हैं, और कुछ बदमाश लोग उनके पीछे पड जाते हैं । बस । "यहाँ फकीर है ।"
भारतीय: भक्तों का संग कितना महत्वपूर्ण है?  


भारतीय पुरुष: भक्तों का संग कितना महत्वपूर्ण है?
प्रभुपाद: हाँ । सतां प्रसङ्गान्मम वीर्यसंविदो भवन्ति हृत्कर्णरसायना: कथा:([[Vanisource:SB 3.25.25|श्रीमद्भागवतम् ३.२५.२५]]) इसलिए साधु-संग अावश्यक है । भक्तों का संग । यह ज़रूरी है । तब हमारा जीवन सफल हो जाएगा । रहस्यवाद से नहीं ।  
 
प्रभुपाद: हाँ । सताम प्रसंगान मम वीर्य सम्विदो भवन्ति ह्रत-कर्ण-रसायना: कथा: ( श्री भ ३।२५।२५) इसलिए साधु-संग अावशयक है । भक्तों का संग । यह ज़रूरी है । तब हमारा जीवन सफल हो जाएगा । रहस्यवाद से नहीं ।
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Latest revision as of 18:19, 17 September 2020



Morning Walk -- June 17, 1976, Toronto

भक्त जीन: ठीक है, इससे मेरे मन में एक सवाल उठता है, यौर ग्रेस । ईसाई धर्म में रहस्यवाद का एक इतिहास रहा है १०० ए डी से अाज तक । कुछ प्रमुख रहस्यवादी रहे हैं, कुछ प्रमुख रहस्यवादी, और कई जो बहुत प्रमुख नहीं थे । अब आप इन लोगों को कैसे वर्गीकृत करते हैं, ये ईसाई रहस्यवादी, प्रोटेस्टेंट और साथ ही कैथोलिक ?

प्रभुपाद: यह कुछ योग रहस्यवाद है । इसका आध्यात्मिक जीवन के साथ कुछ लेना देना नहीं है । वे कुछ चमत्कार देखना चाहते हैं, आम तौर पर, साधारण जनता । तो यह रहस्यवादी शक्ति, कुछ चमत्कार दिखाअो और उन्हें चकित करो । बस । इसका आध्यात्मिक जीवन के साथ कुछ लेना देना नहीं है ।

भक्त जीन: शायद आप मुझे गलत समझ रहे हैं । मैं वास्तव में भक्त रहस्यवादियों का जिक्र कर रही थी जैसे क्रॉस के सेंट जॉन, असीसी के सेंट फ्रांसिस ।

प्रभुपाद: अगर भक्त है, तो वहाँ रहस्यवाद की क्या आवश्यकता है? कोई आवश्यकता नहीं है । भगवान मेरे मालिक हैं, मैं उनका दास हूँ । कहाँ यह बकवास रहस्यवाद की आवश्यकता है?

भक्त जीन: मुझे लगता है कि यह शब्द रहस्यवाद, कई लोग इसके साथ खेल रहे हैं, विशेष रूप से यहाँ अमेरिका में ।

प्रभुपाद: इतने सारे लोग, हमें इतने सारे लोगों के साथ कुछ लेना देना नहीं है । अगर तुम वास्तव में भगवान के सेवक हो, तो भगवान हैं, तुम सेवक हो । तो तुम्हारा लेन - देन है । सिर्फ भगवान के आदेश का पालन करो । बस । क्यों तुम रहस्यवाद चाहते हो? बस लोगों को कुछ बाजीगरी दिखाने के लिए? तुम भगवान की सेवा करो । बस । और यह बहुत साधारण बात है, जो भगवान का आदेश है । मन्मना भव मद्भक्तो मद्याजी मां नमस्कुरु (भ. गी. १८.६५) रहस्यवाद का सवाल कहाँ है? रहस्यवाद का कोई सवाल ही नहीं है । भगवान कहते हैं "बस हमेशा मुझे याद करो । मुझे प्रणाम करो अौर मेरी पूजा करो ।" बस । रहस्यवाद की कहाँ जरूरत है? यह सब मायाजाल है । भारतीय पुरुष: मैं कहता हूँ, मुझे लगता है कि एक अवधारणा है.........

प्रभुपाद: आप अपने तरीके से सोचो ।

भारतीय पुरुष: नहीं, सर । एक गलत अवधारणा है ...

प्रभुपाद: अापकी सोच का कोई अर्थ नहीं है जब तक अाप परम्परा में नहीं अाते हैं । भारतीय पुरुष: नहीं, सर । एक गलत अवधारणा है कि रहस्यवाद । वे कहते हैं कि यह आध्यात्मिक उन्नति के साथ आता है । मुझे लगता है कि वह यही बताने की कोशिश कर रहा है ।

प्रभुपाद: समस्या यह है कि हम हर जन्म में इस भौतिक संसार में दुख भोग रहे हैं, और हमारा लक्ष्य है कैसे घर को, भगवद्धाम को वापस जाएं। वे यह नहीं जानते हैं । वे कुछ रहस्यवाद दिखा रहे हैं । क्या वे ... मृत्यु को रोको । तब मैं तुम्हारा रहस्यवाद देखूँगा । यह बकवास रहस्यवाद क्या है? क्या आप मौत को रोक सकते हैं? क्या यह संभव है? तो फिर इस रहस्यवाद का अर्थ क्या है? सभी फर्जी । मेरी समस्या यह है कि मैं एक शरीर को स्वीकार करता हूँ और पीड़ा सहता हूँ, क्योंकि जैसे ही मुझे यह भौतिक शरीर मिलता है, मुझे दुख सहना पड़ेगा । तो मैं एक और शरीर का निर्माण कर रहा हूँ । मैं मरता हूँ । तथा देहान्तर-प्राप्ति:( भ. गी. २.१३) ।

और फिर एक और अध्याय शुरू होता है । इस तरह से, इस घास के जीवन से देवताओं तक, मैं बस शरीर बदल रहा हूँ और मर रहा हूँ और जन्म ले रहा हूँ । यह मेरी समस्या है । तो रहस्यवाद क्या करेगा ? लेकिन वे नहीं जानते हैं कि समस्या क्या है । यह स्पष्ट रूप से भगवद्गीता में कहा गया है । जन्ममृत्युजराव्याधिदुःखदोषानुदर्शनम् (भ. गी. १३.९) यह आपकी समस्या है । आप बार बार जन्म ले रहे हैं और मर रहे हैं, और जब तक आप जी रह रहे हैं तो कई मुसीबतें हैं । जरा-व्याधी । विशेष रूप से बुढ़ापा और बीमारी । तो यह समस्या है । क्या रहस्यवाद आपकी सहायता करेगा ? रहस्यवाद अापके जन्म, मृत्यु, वृद्धावस्था और बीमारी को रोक पाएगा? तब वह रहस्यवाद है । अन्यथा, इस तरह की बकवास बातों का क्या उपयोग है । (विराम) ... असली रास्ते से गुमराह करना । वे जानते नहीं हैं कि जीवन की समस्या क्या है, जीवन का उद्देश्य क्या है । वे कुछ रहस्यवाद दिखाते हैं, और कुछ बदमाश लोग उनके पीछे पड़ जाते हैं । बस । "यहाँ फकीर है ।"

भारतीय: भक्तों का संग कितना महत्वपूर्ण है?

प्रभुपाद: हाँ । सतां प्रसङ्गान्मम वीर्यसंविदो भवन्ति हृत्कर्णरसायना: कथा:(श्रीमद्भागवतम् ३.२५.२५) इसलिए साधु-संग अावश्यक है । भक्तों का संग । यह ज़रूरी है । तब हमारा जीवन सफल हो जाएगा । रहस्यवाद से नहीं ।