Category:HI-Quotes - Morning Walks
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- HI/Prabhupada 0026 - अापको सबसे पहले स्थानांतरित किया जाएगा उस ब्रह्मांड में जहाँ कृष्ण मौजूद हैं
- HI/Prabhupada 0033 - महाप्रभु का नाम पतीत-पावन है, वे सब बुरे पुरुषों का उद्धार कर रहे हैं
- HI/Prabhupada 0046 - आप जानवर मत बनिये - सामना कीजिए
- HI/Prabhupada 0056 - बारह अधिकारियों का उल्लेख है शास्त्रों में
- HI/Prabhupada 0090 - व्यवस्थित प्रबंधन अन्यथा इस्कॉन कैसे चलेगा
- HI/Prabhupada 0091 -आप यहाँ नग्न खड़े हो जाओ
- HI/Prabhupada 0110 - पूर्ववर्ती आचार्य की कठपुतली बन जाओ
- HI/Prabhupada 0111 - अनुदेश का पालन करो, तो फिर तुम कहीं भी सुरक्षित हो
- HI/Prabhupada 0120 - अचिन्त्य रहस्यवादी शक्ति
- HI/Prabhupada 0121 - तो अंततः कृष्ण काम कर रहे हैं
- HI/Prabhupada 0122 - ये दुष्ट, उन्हें लगता है कि, "मैं यह शरीर हूँ"
- HI/Prabhupada 0134 - तुम मारोगे नहीं, और तुम मार रहे हो
- HI/Prabhupada 0135 - वेदों की उम्र तुम गिन नहीं सकते
- HI/Prabhupada 0202 - एक उपदेशक से बेहतर कौन प्यार कर सकता है
- HI/Prabhupada 0204 - मुझे गुरु की दया मिल रही है। यह वाणी है
- HI/Prabhupada 0205 - मैंने उम्मीद कभी नहीं किया, "यह लोग स्वीकार करेंगे"
- HI/Prabhupada 0206 - वैदिक समाज में पैसे का कोई सवाल ही नहीं है
- HI/Prabhupada 0213 - मौत को बंद करो तब मैं तुम्हारा रहस्यवाद देखूँगा
- HI/Prabhupada 0312 - मनुष्य तर्कसंगत जानवर है
- HI/Prabhupada 0346 - प्रचार के बिना, तत्वज्ञान की समझ के बिना, तुम अपनी शक्ति को नहीं रख सकते हो
- HI/Prabhupada 0357 -मैं एक क्रांति शुरू करना चाहता हूँ नास्तिक सभ्यता के खिलाफ
- HI/Prabhupada 0368 - तो तुम मूर्खतापूर्वक सोच रहे हो कि तुम अनन्त नहीं हो
- HI/Prabhupada 0433 - हम कहते हैं कि, 'तुम अवैध यौन संबंध न रखो'
- HI/Prabhupada 0434 - धोखेबाज को नहीं सुनो और दूसरों को धोखा देने की कोशिश मत करो
- HI/Prabhupada 0718 - बेटे और चेलों को हमेशा ड़ाटा जाना चाहिए
- HI/Prabhupada 0757 - वह भगवान को भूल गया है उसकी चेतना को पुनर्जीवित कराओ, यही असली अच्छी चीज़् है
- HI/Prabhupada 0865 - तुम देश को ले रहे हो, लेकिन शास्त्र ग्रहों को लेता है, देश को नहीं
- HI/Prabhupada 0866 - सब कुछ मर जाएगा - पेड़, पौधे, पशु, सब कुछ
- HI/Prabhupada 0867 - हम शाश्वत हैं और हम अपनी गतिविधियों के लिए जिम्मेदार हैं । यही ज्ञान है
- HI/Prabhupada 0868 - हम जीवन के इस भयानक स्थिति से बच रहे हैं। तुम खुशी से बच रहे हो
- HI/Prabhupada 1044 - मेरे बचपन में मैं दवाई नहीं लेता था