HI/Prabhupada 0523 - अवतार का मतलब है जो उच्चतर ग्रह से आता है, उच्च ग्रह: Difference between revisions

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मधुद्विश: प्रभुपाद, इन्कारनेशन और अवतार के बीच अंतर क्या है?
मधुद्विष: प्रभुपाद, इन्कारनेशन और अवतार के बीच अंतर क्या है ?  


प्रभुपाद: अवतार हि इन्कारनेशन है । अवतार का मतलब है इन्कारनेशन । इन्कारनेशन, तुम्हारे शब्दकोश में, "कोई शरीर स्वीकारना? क्या है ...? लेकिन अवतार ... बेशक, अवतार के विभिन्न ग्रेड हैं । अवतार का अर्थ है जो आता है ... एक वास्तविक शब्द है 'अवतरणा', उतरना । अवतार का मतलब है जो उच्चतर ग्रह से आता है, उच्च ग्रह । वे इस दुनिया में रहने वाले जीव नहीं हैं, यह भौतिक दुनिया । वे आध्यात्मिक दुनिया से आते हैं । वे अवतार कहे जाते हैं । तो इन अवतारों के ग्रेड अलग अलग हैं । वह हैं, शक्त्यावेशावतार, गुणावतार, लीलावतार, युगावतार, इतने सारे । तो अवतार का मतलब है वह जो आध्यात्मिक दुनिया से सीधे आता है । और इन्कारनेशन, ज़ाहिर है, यह अवतार का अनुवाद किया है इस शब्द के साथ इन्कारनेशन, लेकिन मुझे लगता है अवतार का वास्तविक अर्थ है "जो एक शरीर को स्वीकार करता है। " है कि नहीं? तो वह अवतार, हर कोई एक भौतिक शरीर स्वीकार करता है । लेकिन अवतार ... विष्णु के अवतार हैं और भक्तों के भी अवतार हैं । अवतार की विभिन्न श्रेणियॉ हैं । तुम इसे पढ़ोगे 'भगवान चैतन्य की शिक्षाओं' में जो प्रकाशित हो रही है ।
प्रभुपाद: अवतार ही इन्कारनेशन है । अवतार का मतलब है इन्कारनेशन । इन्कारनेशन, तुम्हारे शब्दकोश में, "कोई शरीर स्वीकारना ?" क्या ऐसा है ...? लेकिन अवतार... बेशक, अवतार के विभिन्न स्तर हैं । अवतार का अर्थ है जो आता है... वास्तविक शब्द है 'अवतरण', उतरना । अवतार का मतलब है जो उच्चतर ग्रह से आता है, उच्च ग्रह । वे इस दुनिया में, भौतिक दुनिया में, रहने वाले जीव नहीं हैं । वे आध्यात्मिक दुनिया से आते हैं । वे अवतार कहे जाते हैं ।  
 
तो इन अवतारों के अलग-अलग स्तर हैं । वह हैं, शक्त्यावेशावतार, गुणावतार, लीलावतार, युगावतार, इतने सारे । तो अवतार का मतलब है वह जो आध्यात्मिक दुनिया से सीधे आता है । और इन्कारनेशन, ज़ाहिर है, यह अवतार का अनुवाद किया है इस इन्कारनेशन शब्द के साथ, लेकिन मुझे लगता है अवतार का वास्तविक अर्थ है, "जो एक शरीर को स्वीकार करता है।" क्या एेसा नहीं है ? तो वह अवतार, हर कोई एक भौतिक शरीर स्वीकार करता है । लेकिन अवतार... विष्णु के अवतार हैं और भक्तों के भी अवतार हैं । अवतार की विभिन्न श्रेणियाँ हैं । तुम इसे पढ़ोगे 'भगवान चैतन्य की शिक्षाओं' में जो प्रकाशित हो रही है ।  
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Latest revision as of 15:37, 13 October 2018



Lecture on BG 7.1 -- Los Angeles, December 2, 1968

मधुद्विष: प्रभुपाद, इन्कारनेशन और अवतार के बीच अंतर क्या है ?

प्रभुपाद: अवतार ही इन्कारनेशन है । अवतार का मतलब है इन्कारनेशन । इन्कारनेशन, तुम्हारे शब्दकोश में, "कोई शरीर स्वीकारना ?" क्या ऐसा है ...? लेकिन अवतार... बेशक, अवतार के विभिन्न स्तर हैं । अवतार का अर्थ है जो आता है... वास्तविक शब्द है 'अवतरण', उतरना । अवतार का मतलब है जो उच्चतर ग्रह से आता है, उच्च ग्रह । वे इस दुनिया में, भौतिक दुनिया में, रहने वाले जीव नहीं हैं । वे आध्यात्मिक दुनिया से आते हैं । वे अवतार कहे जाते हैं ।

तो इन अवतारों के अलग-अलग स्तर हैं । वह हैं, शक्त्यावेशावतार, गुणावतार, लीलावतार, युगावतार, इतने सारे । तो अवतार का मतलब है वह जो आध्यात्मिक दुनिया से सीधे आता है । और इन्कारनेशन, ज़ाहिर है, यह अवतार का अनुवाद किया है इस इन्कारनेशन शब्द के साथ, लेकिन मुझे लगता है अवतार का वास्तविक अर्थ है, "जो एक शरीर को स्वीकार करता है।" क्या एेसा नहीं है ? तो वह अवतार, हर कोई एक भौतिक शरीर स्वीकार करता है । लेकिन अवतार... विष्णु के अवतार हैं और भक्तों के भी अवतार हैं । अवतार की विभिन्न श्रेणियाँ हैं । तुम इसे पढ़ोगे 'भगवान चैतन्य की शिक्षाओं' में जो प्रकाशित हो रही है ।