HI/Prabhupada 0523 - अवतार का मतलब है जो उच्चतर ग्रह से आता है, उच्च ग्रह

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Lecture on BG 7.1 -- Los Angeles, December 2, 1968

मधुद्विश: प्रभुपाद, इन्कारनेशन और अवतार के बीच अंतर क्या है?

प्रभुपाद: अवतार हि इन्कारनेशन है । अवतार का मतलब है इन्कारनेशन । इन्कारनेशन, तुम्हारे शब्दकोश में, "कोई शरीर स्वीकारना? क्या है ...? लेकिन अवतार ... बेशक, अवतार के विभिन्न ग्रेड हैं । अवतार का अर्थ है जो आता है ... एक वास्तविक शब्द है 'अवतरणा', उतरना । अवतार का मतलब है जो उच्चतर ग्रह से आता है, उच्च ग्रह । वे इस दुनिया में रहने वाले जीव नहीं हैं, यह भौतिक दुनिया । वे आध्यात्मिक दुनिया से आते हैं । वे अवतार कहे जाते हैं । तो इन अवतारों के ग्रेड अलग अलग हैं । वह हैं, शक्त्यावेशावतार, गुणावतार, लीलावतार, युगावतार, इतने सारे । तो अवतार का मतलब है वह जो आध्यात्मिक दुनिया से सीधे आता है । और इन्कारनेशन, ज़ाहिर है, यह अवतार का अनुवाद किया है इस शब्द के साथ इन्कारनेशन, लेकिन मुझे लगता है अवतार का वास्तविक अर्थ है "जो एक शरीर को स्वीकार करता है। " है कि नहीं? तो वह अवतार, हर कोई एक भौतिक शरीर स्वीकार करता है । लेकिन अवतार ... विष्णु के अवतार हैं और भक्तों के भी अवतार हैं । अवतार की विभिन्न श्रेणियॉ हैं । तुम इसे पढ़ोगे 'भगवान चैतन्य की शिक्षाओं' में जो प्रकाशित हो रही है ।