HI/Prabhupada 0723 - रसायन जीवन से आते हैं ; जीवन रसायन से नहीं आता है: Difference between revisions

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प्रभुपाद: तो आत्मा है और स्थूल भौतिक शरीर है और सूक्ष्म भौतिक शरीर है । आत्मा बुनियादी सिद्धांत है, लेकिन एक शरीर पाने के लिए, जैसा कि मैंने पहले ही समझा दिया है पिता और मां से निकला स्राव, वे मिश्रित होते हैं अौर एक मटर के दाने की तरह शरीर बनता है । और आत्मा पिता की Semina के माध्यम से आता है और वह वहाँ स्थित है. फिर शरीर विकसित होता है । अब, बस समझने की कोशिश करो । क्योंखि आत्मा है इसलिए पदार्थ का विकस हो रहा है । अगर अात्मा नहीं है, अगर बच्चा मर चुका है, फिर विकास नहीं होता है । फिर विकास नहीं होता है । कोई मृत बच्चे का शरीर विकसित नहीं होता है। हर कोई जानता है । इसलिए ये भौतिक तत्व अात्मा से आते हैं, ऐसा नहीं है कि आत्मा भौतिक तत्वों से आती है । यह नहीं है । यह गलत सिद्धांत है । अगर यह सामग्री संयोजन से आता, फिर क्यों तुम ... प्रयोगशाला में जीव का उत्पादन नहीं कर सकते हो । प्रयोगशाला में, नहीं, यह नहीं है ... एक भौतिक ... क्योंकि ... भौतिक निर्माण है क्योंकि मैं चाहता था, एक ऐसी परिस्थिति, वातावरण और अमुमंता, परम भगवान, वे परम दाता हैं- वे मुझे अवसर देते हैं किसी एक खास मां के शरीर में प्रवेश करने का और पदार्थ विकसित होता है । तो वास्तविक तथ्य यह है कि आत्मा से, शक्ति, भौतिक शक्ति बाहर आती है । उदाहरण के लिए ले लो ... मुझे यह रसायन दिए गए । अब, एक नींबू का पेड़ लो । यह एक जीव है । और यह साइट्रिक एसिड को कम से कम सैकड़ों पाउंड उत्पादन करता है । नींबू, हर कोई जानता है । तुम आज पचास नींबू लो, फिर, पचास नींबू लेना अौर अगर तुम नींबू निचोडोगे, तुम साइट्रिक एसिड की व्यापक मात्रा पाअोगे । तो कहाँ से साइट्रिक एसिड रासायनिक आता है? क्योंकि जीव वहाँ पेड़ में है । इसलिए निष्कर्ष होना चाहिए रसायन जीवन से आते हैं ; जीवन रसायन से नहीं आता है । अगर जीवन रसायन से आता है, तो तुम उत्पादन कर सकते हो । मैं तुम्हे रसायन देता हूँ, जो भी तुम चाहो । तो रासायनिक उत्पादन किया जाता है । जैसे तुम्हे अनुभव है जब पसीना निकलता है । तुम पसीने का स्वाद लो ; नमक है । कहाँ से नमक आता है ? नमक है....रासायनिक का नाम क्या है ? सोडियम कार्बोनेट, नहीं?  
प्रभुपाद: तो आत्मा है और स्थूल भौतिक शरीर है और सूक्ष्म भौतिक शरीर है । आत्मा बुनियादी सिद्धांत है, लेकिन एक शरीर पाने के लिए, जैसा कि मैंने पहले ही समझा दिया है पिता और माता से निकला स्राव, वे मिश्रित होते हैं, अौर एक मटर के दाने की तरह शरीर बनता है । और आत्मा पिता के वीर्य के माध्यम से आता है और वह वहाँ स्थित है | फिर शरीर विकसित होता है । अब, बस समझने की कोशिश करो । क्योंकि आत्मा है इसलिए पदार्थ का विकास हो रहा है । अगर अात्मा नहीं है, अगर बच्चा मर चुका है, फिर विकास नहीं होता है । फिर विकास नहीं होता है । कोई मृत बच्चे का शरीर विकसित नहीं होता है। हर कोई जानता है । इसलिए ये भौतिक तत्व अात्मा से आते हैं, ऐसा नहीं है कि आत्मा भौतिक तत्वों से आती है । यह नहीं है । यह गलत सिद्धांत है ।  
 
अगर यह सामग्री संयोजन से आता, फिर क्यों तुम... प्रयोगशाला में जीव का उत्पादन नहीं कर सकते हो । प्रयोगशाला में, नहीं, यह नहीं है... एक भौतिक... क्योंकि... भौतिक निर्माण है क्योंकि मैं चाहता था, एक ऐसी परिस्थिति, वातावरण, और अनुमंता, परम भगवान, वे परम दाता हैं - वे मुझे अवसर देते हैं किसी एक खास माता के शरीर में प्रवेश करने का और पदार्थ विकसित होता है ।  
 
तो वास्तविक तथ्य यह है कि आत्मा से, शक्ति, भौतिक शक्ति बाहर आती है । उदाहरण के लिए लो... मुझे यह रसायन दिए गए । अब, एक नींबू का पेड़ लो । यह एक जीव है । और यह साइट्रिक एसिड का कम से कम सैकड़ों पाउंड उत्पादन करता है । नींबू, हर कोई जानता है । तुम आज पचास नींबू लो, फिर, पचास नींबू लेना, अौर अगर तुम नींबू निचोडोगे, तुम साइट्रिक एसिड की व्यापक मात्रा पाअोगे । तो कहाँ से साइट्रिक एसिड रसायन आता है? क्योंकि वहाँ पेड़ में जीव है । इसलिए निष्कर्ष होना चाहिए रसायन जीवन से आते हैं ; जीवन रसायन से नहीं आता है । अगर जीवन रसायन से आता है, तो तुम उत्पादन कर सकते हो । मैं तुम्हे रसायन देता हूँ, जो भी तुम चाहो । तो रासायनिक उत्पादन किया जाता है । जैसे तुम्हे अनुभव है जब पसीना निकलता है । तुम पसीने का स्वाद लो; नमक है । कहाँ से नमक आता है ? नमक है... रासायनिक नाम क्या है ? सोडियम कार्बोनेट, नहीं?  


भक्त: क्लोराइड ।  
भक्त: क्लोराइड ।  


प्रभुपाद: सोडियम क्लोराइड । सोडियम क्लोराइड । तो सोडियम क्लोराइड, कहाँ से यह आता है ? यह तुम्हारे शरीर से आता है, और शरीर आत्मा से आता है । इसलिए सोडियम क्लोराइड का मूल कारण आत्मा है । तो जैसे तुम अपने शरीर से रसायन की एक छोटी मात्रा का विश्लेषण कर सकते हो, पेड़ के शरीर से, किसी भी शरीर से तो कल्पना करो असीमित शरीर, कृष्ण के विशाल शरीर का, विराट-पुरुष कितना रासायनिक.यह उत्पादन कर सकता है । इसलिए, यह सब कल्पना है एसा मत सोचना । कृष्ण कहते हैं  
प्रभुपाद: सोडियम क्लोराइड । सोडियम क्लोराइड । तो सोडियम क्लोराइड, कहाँ से यह आता है ? यह तुम्हारे शरीर से आता है, और शरीर आत्मा से आता है । इसलिए सोडियम क्लोराइड का मूल कारण आत्मा है । तो जैसे तुम अपने शरीर से रसायन की एक छोटी मात्रा का विश्लेषण कर सकते हो, पेड़ के शरीर से, किसी भी शरीर से, तो कल्पना करो असीमित शरीर, कृष्ण के विशाल शरीर का, विराट-पुरुष, कितना रसायन यह उत्पादन कर सकता है । इसलिए, यह सब कल्पना है एसा मत सोचना । कृष्ण कहते हैं  


भूमिर अापो अनलो वायु:  
:भूमिर अापो अनलो वायु:  
खम् मनो बुद्धिर एव च  
:खम मनो बुद्धिर एव च  
अहंकार इतीयम् मे  
:अहंकार इतीयम मे  
भिन्न प्रकृतिर अष्टधा  
:भिन्ना प्रकृतिर अष्टधा  
:([[Vanisource:BG 7.4|भ गी ७।४]])
:([[HI/BG 7.4|भ.गी. ७.४]])  


" ये अाठ प्रकार के पदार्थ, स्थूल और सूक्ष्म, वे मेरी शक्तियॉ हैं । " ये कृष्ण से आ रही हैं । यदि आप ... कृष्ण कुछ भी बकवास नहीं कर रहे हैं । वे तुमसे झूठ नहीं बोल रहे हैं । कम से कम जो उन्नत हैं, तुम क्यों भगवद गीता पढ़ रहे हो? क्योंखि यह आधिकारिक है; कृष्ण बोल रहे हैं । यह तथ्य है । सबसे ऊंचे अधिकारी । हमें अधिकारी से ज्ञान लेना होगा; हम ज्ञान का निर्माण नहीं कर सकते हैं । यही नहीं है ... यह अपूर्ण ज्ञान है, क्योंकि हमारी इन्द्रियॉ अपूर्ण हैं ।
"ये अाठ प्रकार के पदार्थ, स्थूल और सूक्ष्म, वे मेरी शक्तियॉ हैं ।" ये कृष्ण से आ रहे हैं । यदि आप... कृष्ण कुछ भी बकवास नहीं कर रहे हैं । वे तुमसे झूठ नहीं बोल रहे हैं । कम से कम जो उन्नत हैं, तुम क्यों भगवद गीता पढ़ रहे हो ? क्योंकि यह आधिकारिक है; कृष्ण बोल रहे हैं । यह तथ्य है । सबसे ऊंचे अधिकारी । हमें अधिकारी से ज्ञान लेना होगा; हम ज्ञान का निर्माण नहीं कर सकते हैं । यही नहीं है... यह अपूर्ण ज्ञान है, क्योंकि हमारी इन्द्रियॉ अपूर्ण हैं ।  
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Latest revision as of 19:10, 17 September 2020



Lecture on BG 7.4 -- Bombay, February 19, 1974

प्रभुपाद: तो आत्मा है और स्थूल भौतिक शरीर है और सूक्ष्म भौतिक शरीर है । आत्मा बुनियादी सिद्धांत है, लेकिन एक शरीर पाने के लिए, जैसा कि मैंने पहले ही समझा दिया है पिता और माता से निकला स्राव, वे मिश्रित होते हैं, अौर एक मटर के दाने की तरह शरीर बनता है । और आत्मा पिता के वीर्य के माध्यम से आता है और वह वहाँ स्थित है | फिर शरीर विकसित होता है । अब, बस समझने की कोशिश करो । क्योंकि आत्मा है इसलिए पदार्थ का विकास हो रहा है । अगर अात्मा नहीं है, अगर बच्चा मर चुका है, फिर विकास नहीं होता है । फिर विकास नहीं होता है । कोई मृत बच्चे का शरीर विकसित नहीं होता है। हर कोई जानता है । इसलिए ये भौतिक तत्व अात्मा से आते हैं, ऐसा नहीं है कि आत्मा भौतिक तत्वों से आती है । यह नहीं है । यह गलत सिद्धांत है ।

अगर यह सामग्री संयोजन से आता, फिर क्यों तुम... प्रयोगशाला में जीव का उत्पादन नहीं कर सकते हो । प्रयोगशाला में, नहीं, यह नहीं है... एक भौतिक... क्योंकि... भौतिक निर्माण है क्योंकि मैं चाहता था, एक ऐसी परिस्थिति, वातावरण, और अनुमंता, परम भगवान, वे परम दाता हैं - वे मुझे अवसर देते हैं किसी एक खास माता के शरीर में प्रवेश करने का और पदार्थ विकसित होता है ।

तो वास्तविक तथ्य यह है कि आत्मा से, शक्ति, भौतिक शक्ति बाहर आती है । उदाहरण के लिए लो... मुझे यह रसायन दिए गए । अब, एक नींबू का पेड़ लो । यह एक जीव है । और यह साइट्रिक एसिड का कम से कम सैकड़ों पाउंड उत्पादन करता है । नींबू, हर कोई जानता है । तुम आज पचास नींबू लो, फिर, पचास नींबू लेना, अौर अगर तुम नींबू निचोडोगे, तुम साइट्रिक एसिड की व्यापक मात्रा पाअोगे । तो कहाँ से साइट्रिक एसिड रसायन आता है? क्योंकि वहाँ पेड़ में जीव है । इसलिए निष्कर्ष होना चाहिए रसायन जीवन से आते हैं ; जीवन रसायन से नहीं आता है । अगर जीवन रसायन से आता है, तो तुम उत्पादन कर सकते हो । मैं तुम्हे रसायन देता हूँ, जो भी तुम चाहो । तो रासायनिक उत्पादन किया जाता है । जैसे तुम्हे अनुभव है जब पसीना निकलता है । तुम पसीने का स्वाद लो; नमक है । कहाँ से नमक आता है ? नमक है... रासायनिक नाम क्या है ? सोडियम कार्बोनेट, नहीं?

भक्त: क्लोराइड ।

प्रभुपाद: सोडियम क्लोराइड । सोडियम क्लोराइड । तो सोडियम क्लोराइड, कहाँ से यह आता है ? यह तुम्हारे शरीर से आता है, और शरीर आत्मा से आता है । इसलिए सोडियम क्लोराइड का मूल कारण आत्मा है । तो जैसे तुम अपने शरीर से रसायन की एक छोटी मात्रा का विश्लेषण कर सकते हो, पेड़ के शरीर से, किसी भी शरीर से, तो कल्पना करो असीमित शरीर, कृष्ण के विशाल शरीर का, विराट-पुरुष, कितना रसायन यह उत्पादन कर सकता है । इसलिए, यह सब कल्पना है एसा मत सोचना । कृष्ण कहते हैं

भूमिर अापो अनलो वायु:
खम मनो बुद्धिर एव च
अहंकार इतीयम मे
भिन्ना प्रकृतिर अष्टधा
(भ.गी. ७.४)

"ये अाठ प्रकार के पदार्थ, स्थूल और सूक्ष्म, वे मेरी शक्तियॉ हैं ।" ये कृष्ण से आ रहे हैं । यदि आप... कृष्ण कुछ भी बकवास नहीं कर रहे हैं । वे तुमसे झूठ नहीं बोल रहे हैं । कम से कम जो उन्नत हैं, तुम क्यों भगवद गीता पढ़ रहे हो ? क्योंकि यह आधिकारिक है; कृष्ण बोल रहे हैं । यह तथ्य है । सबसे ऊंचे अधिकारी । हमें अधिकारी से ज्ञान लेना होगा; हम ज्ञान का निर्माण नहीं कर सकते हैं । यही नहीं है... यह अपूर्ण ज्ञान है, क्योंकि हमारी इन्द्रियॉ अपूर्ण हैं ।