HI/Prabhupada 0858 - हम प्रशिक्षण दे रहे हैं, हम वकालत कर रहे हैं कि अवैध यौन संबंध पाप है: Difference between revisions
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निर्देशक: हमारे लोग यही करते हैं । | निर्देशक: हमारे लोग यही करते हैं । | ||
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निर्देशक: हमारे ग्राहक यही करते हैं । | निर्देशक: हमारे ग्राहक यही करते हैं । | ||
प्रभुपाद: हाँ, वे | प्रभुपाद: हाँ, वे करेंगे । यदि नियमित रूप से संस्था चलती है सभी सुविधाअों के साथ... कई भक्त यहाँ आते हैं । कुछ समय के बाद वे समर्पित भक्त हो जाते हैं । विधि होनी चाहिए । यह है... हम बढ़ रहे हैं; हमारा आंदोलन कम नहीं हो रहा है । जैसे हमने यहाँ एक मंदिर खोला है । कोई मंदिर नहीं था, लेकिन हमारा एक अच्छा मंदिर है । इस तरह से हमारा आंदोलन परी दुनिया में बढ़ रह है, यह कम नहीं हो रहा है । मैं अकेले भारत से आया था, न्यूयॉर्क, १९६५ में । तो एक वर्ष तक मेरे पास रहने के लिए कोई जगह नहीं थी, खाने का कोई साधन नहीं था । मैं घूम रहा था इधर उधर, किसी दोस्त के घर कभी और कभी किसी अौर दोस्त के घर में रहता । फिर धीरे-धीरे विकास हुअा, लोग । मैं न्यूयॉर्क के एक चौराहे पर कीर्तन करता था, अकेले, पूरे तीन घंटे । वह क्या है, टोम्प्किन्सन स्क्वैर ? हाँ । तुम न्यूयॉर्क गए हो ? तो यह मेरी शुरुआत थी । फिर धीरे-धीरे लोग आए । (भक्त को:) तुम किसी क्लब में थे, क्या है वह ? | ||
मधुद्विष: कैलिफोर्निया ? | मधुद्विष: कैलिफोर्निया ? | ||
प्रभुपाद: | प्रभुपाद: हाँ । | ||
मधुद्विष: फ़ार्म | मधुद्विष: फ़ार्म में । | ||
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प्रभुपाद: हा, हा, आह। | प्रभुपाद: हा, हा, आह। | ||
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प्रभुपाद: (हंसते हुए) यह एक वेश्यालय | प्रभुपाद: (हंसते हुए) यह एक वेश्यालय था । | ||
मधुद्विष | मधुद्विष: हिप्पी फार्म । अाप वहाँ आए थे । | ||
प्रभुपाद: तो मैं वहॉ था | प्रभुपाद: तो मैं वहॉ था... मैं वहा गया । आयोजक, वह मुझे वहाँ ले गया । तो मुझे लगता है अगर हम... अगर अाप गंभीर हैं, तो हम मिल कर एक संस्था खोलते हैं जहॉ लोग प्रशिक्षित किए जाने चाहिए कि कैसे प्रथम श्रेणी के बनें । बच्चों को प्रशिक्षित किया जाना चाहिए । यह समाधान होगा । | ||
निर्देशक: तो समाज में परिवर्तन करना | निर्देशक: तो समाज में परिवर्तन करना होगा । | ||
प्रभुपाद: नहीं, कोई परिवर्तन | प्रभुपाद: नहीं, कोई परिवर्तन नहीं । समाज जैसा है वैसा ही रहने दो । हम कुछ बच्चों को प्रशिक्षित करेंगे जैसे हम डलास में कर रहे हैं और कुछ पुरुषो को | जैसे हमने उन्हें प्रशिक्षित किया है । यह संभव है । यह व्यावहारिक उदाहरण है । जैसे तुम एक फार्म में थे, मॉर्निंगस्टार । | ||
निर्देशक: अापके कितने सज्जन अपराधी थे ? | निर्देशक: अापके कितने सज्जन अपराधी थे ? | ||
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मधुद्विष: ओह, कईभक्त । | |||
निर्देशक: क्या तुम ? | निर्देशक: क्या तुम ? | ||
मधुद्विष: ओह, हाँ । | |||
निर्देशक: तुम किसी मुसीबत में थे ? | निर्देशक: तुम किसी मुसीबत में थे ? | ||
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भक्त ( | भक्त (१): हम में एक लड़का है जो नौ महीने काट के अाया है पेंटरिज में । (विक्टोरिया, ऑस्ट्रेलिया में जेल) | ||
प्रभुपाद: यह व्यावहारिक | प्रभुपाद: यह व्यावहारिक है । हम रोक सकते हैं । वैसे ही जैसे वे साधु बन गए हैं । सब लोग... भारत, वे हैरान हैं की " कैसे आपने इन यूरोपी को, अमेरिकियों को इस तरह से बना दिया है ?" वे हैरान हैं । क्योंकि भारत में, ब्राह्मण और दूसरे, वे इस धारणा के तहत थे कि "ये पश्चिमी लोग, वे बेकार हैं । वे उन्नत नहीं हो सकते हैं धर्मनिष्ठ या आध्यात्मिक ।" तो जब उन्होंने देखा कि भारत में हमारे कई मंदिर हैं, की वे अर्व विग्रह की पूजा कर रहे है अौर संचालन कर रहे हैं, कीर्तन, नाच रहे हैं, वे हैरान हैं । कई स्वामी मेरे पहले अाए थे, लेकिन वे बदल नहीं सके । लेकिन यह मैंने नहीं बदला है, लेकिन यह विधि इतनी अच्छी है की वे बदल गए । | ||
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Latest revision as of 17:43, 1 October 2020
750521 - Conversation - Melbourne
प्रभुपाद: हम प्रशिक्षण दे रहे हैं, कभी कभी लोग हँसते हैं, "यह क्या बकवास है ?" वे आलोचना करते हैं । समाज के नेता प्रोत्साहित नहीं करते हैं । कल मैं एक पुजारी के साथ बात कर रहा था । तो अवैध यौन जीवन के बारे में उन्होंने कहा, "वहाँ क्या गलत है ? यह एक बड़ी खुशी है ।" तुम समझ रहे हो ? हम प्रशिक्षण दे रहे हैं, हम वकालत कर रहे हैं कि अवैध यौन जीवन पाप है । हमारी पहली शर्त यह है कि इन चार चीजों को छोड़ना होगा: अवैध यौन संबंध, मांसाहार, नशा और जुआ । स्वीकार करने से पहले मेरी पहली शर्त यह है । तो वे इस बात से सहमत होते हैं और वे पालन करते हैं ।
निर्देशक: हमारे लोग यही करते हैं ।
प्रभुपाद: हम्म?
निर्देशक: हमारे ग्राहक यही करते हैं ।
प्रभुपाद: हाँ, वे करेंगे । यदि नियमित रूप से संस्था चलती है सभी सुविधाअों के साथ... कई भक्त यहाँ आते हैं । कुछ समय के बाद वे समर्पित भक्त हो जाते हैं । विधि होनी चाहिए । यह है... हम बढ़ रहे हैं; हमारा आंदोलन कम नहीं हो रहा है । जैसे हमने यहाँ एक मंदिर खोला है । कोई मंदिर नहीं था, लेकिन हमारा एक अच्छा मंदिर है । इस तरह से हमारा आंदोलन परी दुनिया में बढ़ रह है, यह कम नहीं हो रहा है । मैं अकेले भारत से आया था, न्यूयॉर्क, १९६५ में । तो एक वर्ष तक मेरे पास रहने के लिए कोई जगह नहीं थी, खाने का कोई साधन नहीं था । मैं घूम रहा था इधर उधर, किसी दोस्त के घर कभी और कभी किसी अौर दोस्त के घर में रहता । फिर धीरे-धीरे विकास हुअा, लोग । मैं न्यूयॉर्क के एक चौराहे पर कीर्तन करता था, अकेले, पूरे तीन घंटे । वह क्या है, टोम्प्किन्सन स्क्वैर ? हाँ । तुम न्यूयॉर्क गए हो ? तो यह मेरी शुरुआत थी । फिर धीरे-धीरे लोग आए । (भक्त को:) तुम किसी क्लब में थे, क्या है वह ?
मधुद्विष: कैलिफोर्निया ?
प्रभुपाद: हाँ ।
मधुद्विष: फ़ार्म में ।
प्रभुपाद: फ़ार्म ?
मधुद्विष: मॉर्निंगस्टार ?
प्रभुपाद: हा, हा, आह।
मधुद्विष: हाँ । (हंसते हुए)
प्रभुपाद: (हंसते हुए) यह एक वेश्यालय था ।
मधुद्विष: हिप्पी फार्म । अाप वहाँ आए थे ।
प्रभुपाद: तो मैं वहॉ था... मैं वहा गया । आयोजक, वह मुझे वहाँ ले गया । तो मुझे लगता है अगर हम... अगर अाप गंभीर हैं, तो हम मिल कर एक संस्था खोलते हैं जहॉ लोग प्रशिक्षित किए जाने चाहिए कि कैसे प्रथम श्रेणी के बनें । बच्चों को प्रशिक्षित किया जाना चाहिए । यह समाधान होगा ।
निर्देशक: तो समाज में परिवर्तन करना होगा ।
प्रभुपाद: नहीं, कोई परिवर्तन नहीं । समाज जैसा है वैसा ही रहने दो । हम कुछ बच्चों को प्रशिक्षित करेंगे जैसे हम डलास में कर रहे हैं और कुछ पुरुषो को | जैसे हमने उन्हें प्रशिक्षित किया है । यह संभव है । यह व्यावहारिक उदाहरण है । जैसे तुम एक फार्म में थे, मॉर्निंगस्टार ।
निर्देशक: अापके कितने सज्जन अपराधी थे ?
मधुद्विष: अपराधी ?
निर्देशक: हाँ । क्या तुम कानून के साथ मुश्किल में थे यहॉ जुडऩे से पहले ?
मधुद्विष: ओह, कईभक्त ।
निर्देशक: क्या तुम ?
मधुद्विष: ओह, हाँ ।
निर्देशक: तुम किसी मुसीबत में थे ?
मधुद्विष: हाँ ।
भक्त (१): हम में एक लड़का है जो नौ महीने काट के अाया है पेंटरिज में । (विक्टोरिया, ऑस्ट्रेलिया में जेल)
प्रभुपाद: यह व्यावहारिक है । हम रोक सकते हैं । वैसे ही जैसे वे साधु बन गए हैं । सब लोग... भारत, वे हैरान हैं की " कैसे आपने इन यूरोपी को, अमेरिकियों को इस तरह से बना दिया है ?" वे हैरान हैं । क्योंकि भारत में, ब्राह्मण और दूसरे, वे इस धारणा के तहत थे कि "ये पश्चिमी लोग, वे बेकार हैं । वे उन्नत नहीं हो सकते हैं धर्मनिष्ठ या आध्यात्मिक ।" तो जब उन्होंने देखा कि भारत में हमारे कई मंदिर हैं, की वे अर्व विग्रह की पूजा कर रहे है अौर संचालन कर रहे हैं, कीर्तन, नाच रहे हैं, वे हैरान हैं । कई स्वामी मेरे पहले अाए थे, लेकिन वे बदल नहीं सके । लेकिन यह मैंने नहीं बदला है, लेकिन यह विधि इतनी अच्छी है की वे बदल गए ।