HI/Prabhupada 0861 - मेलबोर्न शहर के सभी भूखे पुरुष, यहाँ आओ, तुम भर पेट खाना खाअो

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750521 - Conversation - Melbourne

निर्देशक: अापकी प्रतिक्रिया क्या होगी अगर कोई चोरी करने की कोशिश करता है यहॉ ...

अमोघ: वे कहते हैं, "अापकी प्रतिक्रिया क्या होगी अगर कोई चोरी करने की कोशिश करता है यहॉ ?"

प्रभुपाद: चोरी ?

अमोघ: एक चोर। एक चोर आए तो हम क्या करेंगे? दूसरे शब्दों में, क्या हम हिंसक हो जाऍगे ?

प्रभुपाद: अगर एक चोर अाएगा, तो हम उसे सज़ा देंगे ।

निर्देशक: आपको हिंसक होना चाहिए?

प्रभुपाद: क्यों नहीं? एक चोर को दंडित दिया जाना चाहिए।

निर्देशक: आप खुद दंडित करेंगे? आप क्या करेंगे? आप उन पर हमला शुरू करेंगे ?

प्रभुपाद: नहीं, खुद या कोई अौर, एक चोर को दंडित किया जाना चाहिए । एक चोर को दंडित किया जाना चाहिए । खुद या तुम, कोई बात नहीं । एक चोर चोर है। उसे सजा दी जानी चाहिए।

निर्देशक: क्या अगर उसने चोरी की भूख के कारण ?

प्रभुपाद: कौन चोरी ?

अमोघ: वे कह रहे हैं कि क्या अगर वह भूख के कारण चोरी करने अाता है ? क्या अगर वह ह एक चोर के रूप में आता है क्योंकि उसे कुछ खाना चाहिए ?

प्रभुपाद: हम कहते हैं सब लोग, "आओ और खाअो ।" क्यों वह भूखा रहेगा ? हम हर किसी को आमंत्रित करते हैं " "हाँ आओ, खाअो, कोई शुल्क नहीं ।" हम पैसे नहीं लेते । क्यों वह भूखा रहेगा ? हमें इस कार्यक्रम में वृद्धि करना है । मेलबोर्न शहर के सभी भूखे आदमी, तुम यहॉ अाअो, भर पेट खाना खाअो । हम आमंत्रित करते हैं "अाअो ।" क्यों तुम्हे भूखे रहना है ?

निर्देशक: क्या अगर वह एक शराबी है और वह भूखा है ?

भक्त: हम यहाँ दो शराबि हैं जो अाते हैं और हम उन्हें हर रात खाना देते हैं ।

निर्देशक: तुम एसा करते हो?

भक्त: जी हां ।

निर्देशक: जैसे गॉर्डन घर ।

भक्त: जी हां। वे आते हैं। जैसा हर रविवार को एक दावत होती है। वे आते हैं और हम उन्हें खाना देते हैं ।

प्रभुपाद: अभ्यास करने के लिए थोड़े समय की आवश्यकता है। अन्यथा, सुधार के लिए यह हर किसी के लिए खुला है।

निर्देशक: लेकिन अापकी सीमा होगी कि अाप कब तक लोगों को खिला सकते हैं ।

प्रभुपाद: हम्म?

अमोघ: उनका कहना है कि हमारी सीमा होगी कि हम कितने लोगों को खिला सकते हैं ।

प्रभुपाद: हम असंख्य लोगों को खिला सकते हैं, अगर सरकार मदद करे ।

निर्देशक: अाप... अाप एसी जगह बना सकते हैं जहॉ बेसहारा लोग अा सकते हैं और एक

नि: शुल्क भोजन खा सकते हैं ।

प्रभुपाद: ओह, हाँ, ओह, हाँ। हर कोई, हम सभी के लिए खुले हैं । तुम आओ और प्रसादम लो ।

निर्देशक: क्या सरकार, एक शब्द में, आपका इस्तेमाल कर सकती है...

प्रभुपाद: नहीं, हम सरकार द्वारा इसतेमाल नहीं किए जा सकते हैं । हम सरकार का उपयोग कर सकते हैं। सरकार हमें निर्देशित नहीं कर सकती है । । वह मदद नहीं करेगा ।

निर्देशक: बस एक पल। बस एक पल। (अस्पष्ट) यह तथ्य है कि कई बेसहारा लोग हैं जिन्हे देखभाल कि ज़रूरत है, और आपको लगता है कि अापका धार्मिक संघ एसे लोगों की मदद करना चाहते है । अगर सरकार सब्सिडी देती है इन सेवाओं को प्रदान करने के लिए...

प्रभुपाद: हम ऐसा कर सकते हैं।

निर्देशक: आप ऐसा कर सकते हैं। जब तक वे अापके विपरीत नहीं जाते...

प्रभुपाद: नहीं । हमारा सिद्धांत यह है...

निर्देशक: मेरे कहने का मतलब है चर्च संगठनों बच्चों को लेते हैं....

प्रभुपाद: आप एक दिन देख सकते हैं। आप कृपया सुबह जल्दी आऍ और एक दिन रहें आप हमारे कार्य देखें, कितनी अच्छी तरह से । और फिर आवश्यक कार्रवाई करें ।।

निर्देशक: मैं व्यक्तिगत रूप में यहां नहीं आया हूँ । मैं अपने विभाग का प्रतिनिधित्व कर रहा हूँ।

प्रभुपाद: नहीं, जो कुछ भी...

निर्देशक: आप मुझे समझा सकें या नहीं... सोसायटी को... मैं यही कह सकता हूँ कि हम बहुत गरीब लोगों के साथ काम कर रहे हैं । हम उन्हें बताऍगे की अाप क्या कर रहे हैं , और फिर मैं कहता हूँ कि शायद कुछ जोड़ा जा सकता है । या मैं मंत्री से कह सकता हूँ, क्या निकला, और वहाँ से देखेंगे । और मैं अपने अन्य कर्तव्यों के लिए वापस जा सकता हूँ ।

प्रभुपाद: तब वे हमें ख्याल रखने के लिए प्रति व्यक्ति कुछ योगदान दे सकते हैं। तो फिर हम आमंत्रित कर सकते हैं। हम आवास बढ़ा सकते हैं। अब हम कर रहे हैं। हमारा कोई व्यवसाय नहीं है, कोई आय नहीं है। हम हमारी किताबें बेच रहे हैं। तो हमारी आय सीमित है। फिर भी, हम हर किसी को आमंत्रित करते हैं, अाअो । लेकिन अगर सरकार प्रोत्साहित करती है, तो हम इस कार्यक्रम को बढ़ा सकते हैं।

निर्देशक: हाँ। बेशक, यह एक राजनीतिक निर्णय है। मैं केवल इतना ही कह सकता हूँ...

प्रभुपाद: यह राजनीति से ऊपर है।

निर्देशक: माफ कीजिए?

प्रभुपाद: यह राजनीति से ऊपर है।

निर्देशक: अापके नजऱिए से, लेकिन हमारे विभाग में हम राजनीतिक निर्णयों पर निर्भर करते हैं। प्रभुपाद: हाँ, डिपार्टमेंट का मतलब है वे का एक और सेट हैं..

निर्देशक: हाँ, यह सार्वजनिक इच्छाशक्ति का सिर्फ एक साधन है। मंत्री चुना गया है जनता की इच्छा के अनुसार हमारे समाज में । प्रभुपाद: क्योंकि एक विभाग बनाया गया है, जैसे कि तुम्हारे ... वह विभाग क्या है?

भक्त: समाज कल्याण। प्रभुपाद: समाज कल्याण। तो अगर उन्हे समाज कल्याण मिलता है, क्यों मदद नहीं करो ? क्यों वे राजनीति को लाते हैं ? अगर वास्तव में समाज कल्याण है, तो क्यों इसका समर्थन नहीं किया जाए ?

निर्देशक: हाँ, अाप ठीक कह रहे हैं। लेकिन हमारे समाज में, मंत्री चुना जाता है कुछ नीतियों को लागु करने के लिए न कि जो वह चाहता है, लेकिन जिसके लिए लोगों ने वोट किया । और उनपर कर लगता है इसके समर्थन में ।

प्रभुपाद: अगर अापकी नीति सामाजिक सुधार है,...

निर्देशक: सामाजिक सुधार हमारी नीति नहीं है। प्रभुपाद: तो, समाज कल्याण।