HI/Prabhupada 1035 - हरे कृष्ण जप द्वारा अपने अस्तित्व की वास्तविक्ता को समझो

Revision as of 09:08, 18 June 2015 by Rishab (talk | contribs) (Created page with "<!-- BEGIN CATEGORY LIST --> Category:1080 Hindi Pages with Videos Category:Hindi Pages - 207 Live Videos Category:Prabhupada 1035 - in all Languages Category:HI...")
(diff) ← Older revision | Latest revision (diff) | Newer revision → (diff)


Invalid source, must be from amazon or causelessmery.com

720403 - Lecture SB 01.02.05 - Melbourne

क्यों मैं भुगत रहा हूँ ? क्यों मुझे जन्म को स्वीकार करना पडता है ? क्यों मुझे मृत्यु को स्वीकार करना पडता है ? क्यों मुझे इस बीमारी को स्वीकार करना होगा ? क्यों मुझे बुढ़ापे को स्वीकार करना होगा ? " ये समस्याएं हैं । ये समस्याऍ हैं, और ये समस्याऍ मनुष्य जीवन में हल की जा सकती हैं, न की बिल्लियों और कुत्तों के जीवन में । वे नहीं कर सकते हैं । तो हमारे एकमात्र अनुरोध है कि आप अपने जीवन को सफल बनाऍ । अपने अस्तित्व की वास्तविक्ता को समझें । और यह बस जप द्वारा संभव है हरे कृष्ण, हरे कृष्ण, कृष्ण कृष्ण हरे हरे / हरे राम, हरे राम, राम राम...

बहुत बहुत धन्यवाद । हरे कृष्ण ।