HI/Prabhupada 1044 - मेरे बचपन में मैं दवाई नहीं लेता था

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751003 - Morning Walk - Mauritius

प्रभुपाद: अनुभवजन्य नीति बहुत अच्छा था, यदी यह श्री कृष्ण के लिए किया गया जाता तब वे पूरी दुनिया को एकजुट कर सकते ।

ब्रह्मानंद: उनमें बहुत अच्छी प्रबंध करने की प्रतिभा थी ।

प्रभुपाद: ओह, हाँ । लेकिन पूरी व्यवस्था उनके इन्द्रिय संतुष्टि के लिए बनाई गई थी ।

ब्रह्मानंद: शोषण ।

पुष्ट कृष्ण: अगर हमारे पास एसी कोई शक्ति होती, और हम ऐसा कुछ करने की कोशिश करते, तो वे आरोप लगाते के यह धर्मयुद्ध की तरह है ।

प्रभुपाद: अब धर्मयुद्ध......अगर वे ईसाई विचार, भगवान के लिए प्रेम, का विस्तार कर सकते है, तो यह अच्छा होता । लेकिन यह उद्देश्य नहीं था । यह शोषण था ।

पुष्ट कृष्ण: बल द्वारा भी ?

प्रभुपाद: हाँ । अगर बल से, यदि तुम कुछ अच्छी दवा देते हो, तो यह उसके लिए अच्छा है । मेरे बचपन में मैं दवा नहीं लेता था । अब भी यही होता है । (हंसी) तो मुझे चम्मच में बल द्वारा दवा दी जाती । दो आदमी मुझे पकड़ते, और मेरी माँ गोद में मुझे लेकर और उसके बाद बल से, और मैं लेता । मैं कोई भी दवा लेने के लिए सहमत नहीं होता ।

हारिकेश: क्या हम अब यही करें श्रील प्रभुपाद ?

प्रभुपाद: तो फिर तुम मुझे मार दोगे ।