Category:HI-Quotes - Arrival Addresses
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- HI/Prabhupada 0020 - कृष्ण को समझना इतना सरल नहीं है
- HI/Prabhupada 0032 - मुझे जो कुछ भी कहना था, मैने अपनी पुस्तकों में कह दिया है
- HI/Prabhupada 0063 - मुझे एक महान मृदंग वादक होना चाहिए
- HI/Prabhupada 0065 -कृष्ण भावनाभावित बनने से हर कोई सुखी हो जाएगा
- HI/Prabhupada 0133 - मैं एक छात्र चाहता हूँ जो मेरे आदेशों का पालन करे
- HI/Prabhupada 0156 - मैं आपको वो सिखाने की कोशिश कर रहा हूँ, जिसे आप भूल चुके हैं
- HI/Prabhupada 0220 - हर जीव भगवान का अभिन्न अंग है
- HI/Prabhupada 0224 - बड़े मकान का निर्माण, एक दोषपूर्ण नींव पर
- HI/Prabhupada 0349 - मैंने तो बस विश्वास किया जो भी मेरे गुरु महाराज नें कहा
- HI/Prabhupada 0609 - तुम कई हो जो हरे कृष्ण का जाप कर रहे हो । यही मेरी सफलता है
- HI/Prabhupada 0721 - तुम ईश्वर के बारे में कल्पना नहीं कर सकते हो । यह मूर्खता है
- HI/Prabhupada 0722 - आलसी मत बनो । हमेशा संलग्न रहो
- HI/Prabhupada 0729 - एक सन्यासी छोटा सा अपराध करता है, उसे एक हजार गुना बढ़ाया जाता है
- HI/Prabhupada 0736 - इन सभी तथाकथित या धोखा देने वाली धार्मिक प्रणालियों को त्याग दो
- HI/Prabhupada 0797 जो कृष्णकी ओर से, लोगोंको उपदेश दे रहे हैं, कृष्ण भावनामृतको अपनाने के लिए, वे महान सैनिक है
- HI/Prabhupada 0799 - पूरी स्वतंत्रता शाश्वत, आनंदित और ज्ञान से पूर्ण
- HI/Prabhupada 0850 - अगर कुछ पैसे मिलें, तो पुस्तकें छापो
- HI/Prabhupada 1012 - सुनना और दोहराना, सुनना और दोहराना । आपको निर्माण करने की अावशयक्ता नहीं है
- HI/Prabhupada 1013 - अगली मृत्यु से पहले हमें अति शीध्र प्रयास करना चाहिए
- HI/Prabhupada 1029 - हमारा धर्म वैराग्य नहीं कहता है । हमारा धर्म भगवान से प्रेम करना सिखाता है
- HI/Prabhupada 1040 - मानव जीवन का हमारा मिशन दुनिया भर में असफल हो रहा है
- HI/Prabhupada 1041 - केवल लक्षणात्मक उपचार से तुम मनुष्य को स्वस्थ नहीं कर सकते