HI/661116 प्रवचन - श्रील प्रभुपाद न्यूयार्क में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं
HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी |
"हम, जीवात्मा, परम पुरुषोत्तम भगवान्, सच्चिदानन्द, के अंश हैं। हमें आनंद चाहिए। अतः जिस आनंद की हम अपेक्षा रखते हैं, वह हमें इस निराकार रूप से प्राप्त नहीं हो सकता है। वह अध्यात्मिक जगत् में ही उपलब्ध है। यदि आप कोई भी अध्यात्मिक जगत् में प्रवेश करते हो, तो आप वह आनंद और सुख के आदान -प्रदान को प्राप्त कर सकते हो।" |
661116 - प्रवचन भ.गी. ८.१४-१५ - न्यूयार्क |