श्रवण पूर्ण प्रक्रिया है। आपको किसी भी शिक्षा की आवश्यकता नहीं है; आपको किसी वैज्ञानिक योग्यता की आवश्यकता नहीं है, यह या वह। बस यदि आप यहां आते हैं और इस भगवद गीता और श्रीमद-भागवतम का श्रवण हैं, तो आप पूर्ण रूप से निपुण हो जाएंगे तथा आत्म बोधित हो जाएंगे। वह भी काफ़ी सरलता स । स्थाने स्थिताः (श्री.भा. १०.१४.३)। चैतन्य महाप्रभु ने इस प्रक्रिया की संस्तुति की ह । हम उन बेचारे लोगों को सुविधा देने के लिए इतनी सारी शाखाएँ खोलने का प्रयास कर रहे हैं जो यह नहीं जानते कि जीवन का अर्थ क्या है, मानव जीवन का उद्देश्य क्या है, कोई कैसे परिपूर्ण बन सकता है। यह ज्ञान, यह जानकारी उपलब्ध है। हम इसे वितरित करने का प्रयास कर रहे हैं। यह हठधर्मिता नहीं है, यह वैज्ञानिक है।
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