कृष्ण बता रहे हैं कि कैसे व्यक्ति बहुत ही आसानी से आध्यात्मिक दुनिया या भगवद धाम में प्रवेश कर सकता है । सरल सूत्र यह है कि जो कोई भी व्यक्ति भगवान् के प्राकट्य और अप्राकट्य और गतिविधियों को दिव्य समझता है, परम सत्य का पूर्ण ज्ञान रखते हुए, केवल इस समझ से कोई भी व्यक्ति तुरंत आध्यात्मिक दुनिया में प्रवेश कर सकता है । पूर्ण सत्य को जानना हमारी वर्तमान इंद्रियों द्वारा संभव नहीं है । यह भी एक और तथ्य है । क्योंकि वर्तमान समय में हम भौतिक रूप से..., भौतिक रूप से प्रभावित हैं; इंद्रियां भौतिक नहीं । हमारी इन्द्रिया मूल रूप से आध्यात्मिक है, लेकिन यह भौतिक संदूषण से आच्छादित है । इसलिए प्रक्रिया है शुद्ध करना, हमारे भौतिक अस्तित्व के आवरण को शुद्ध करना । और उसकी भी सिफारिश की गई है - बस सेवा भाव से ।
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