HI/680620b प्रवचन - श्रील प्रभुपाद मॉन्ट्रियल में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं

HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी
जैसे हम अपने पिछले जीवन की बहुत सारी चीजों को याद रखते हैं । यह दर्ज किया जाता है । वास्तव में यह दर्ज किया जाता है । सब कुछ दर्ज किया जाता है । आप इस टेलीविजन को कैसे देख रहे हो ? क्योंकि यह वातावरण में दर्ज है । यह केवल स्थानांतरित किया जा रहा है । सब कुछ दर्ज किया गया है । लेकिन हम अपनी भौतिक स्थिति में भी खराब हो गए हैं कि हम दर्ज किए गए संस्करण का उत्पादन भी नहीं कर सकते । इसलिए हम अपने आप को सुस्त, और सुस्त, और सुस्त बना रहे हैं । जैसा की सर जॉर्ज बर्नार्ड शॉ ने भी कहा है, कि "आप वह है जो आप खाते हैं ।" तो खाने की प्रक्रिया से, हम अपने मस्तिष्क को सुस्त बना रहे हैं । इसलिए अच्छे भोजन, अच्छी बातचीत, अच्छी सोच, अच्छे व्यवहार की आवश्यकता है । तब हमारा दिमाग तेज होता है । इसके लिए प्रशिक्षण की आवश्यकता होती है ।
680620 - प्रवचन श्री.भा. १.४.२५ - मॉन्ट्रियल