HI/701219 प्रवचन - श्रील प्रभुपाद सूरत में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं

HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी
"शास्त्रों में बारह महाजन उल्लिखित हैं। ब्रह्मा एक महाजन हैं, भगवान शिव एक महाजन हैं और नारद एक महाजन हैं। फिर मनु एक महाजन हैं, प्रह्लाद महाराज महाजन हैं बलि महाराज महाजन हैं, शुकदेव गोस्वामी महाजन हैं। तो उसी प्रकार यमराज भी महाजन हैं। यह सभी महाजन हैं जो यथार्थतः जानते हैं भगवान क्या हैं, अर्थात कृष्ण, तथा वे मार्गदर्शन कर सकते हैं। अतः शास्त्र कहता है हमें महाजनों का अनुसरण करना है। अन्यथा यह संभव नहीं है। धर्मस्य तत्त्वं निहितं गुहायां महाजनो येन गतः स पन्थाः (श्री चैतन्य चरितामृत मध्यलीला १७.१८६)। आपकी बौद्धिक अटकलबाज़ी से आप धर्म के मार्ग को नहीं समझ सकते। धर्मं तू साक्षाद भगवत प्रणीतं (श्रीमदभागवतम ६.३.१९)। धर्म, धार्मिक तत्त्वों, का विधान परम पुरुषोत्तम भगवान के द्वारा किया जाता है। कोई साधारण मनुष्य धर्म का विधान नहीं कर सकता।"
701219 - प्रवचन SB 06.01.34-39 - सूरत