HI/760211 प्रवचन - श्रील प्रभुपाद मायापुर में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं
HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी |
"भक्ति उम्र या उन्नत ज्ञान, या समृद्धता, या इतनी सारी अन्य चीजों पर निर्भर नहीं करता है-जनमैश्वर्य-श्रुत-श्री (श्री.भा. ०१.०८.२६), उच्च परिवार में जन्म लेने के लिए, शिष्टजन, और अमीर बनने के लिए, सुंदर बनने के लिए, एक बहुत ही शिक्षित विद्वान बनने क लिए। ये चीजें भौतिक संपत्ति हैं, लेकिन आध्यात्मिक जीवन इन चीजों पर निर्भर नहीं करता है।" |
760211 - प्रवचन श्री.भा. ०७ .०९.०४ - मायापुर |