HI/BG 1.6

His Divine Grace A.C. Bhaktivedanta Swami Prabhupāda


श्लोक 6

युधामन्युश्च विक्रान्त उत्तमौजाश्च वीर्यवान् ।
सौभद्रो द्रौपदेयाश्च सर्व एव महारथाः ॥६॥

शब्दार्थ

युधामन्यु:—युधामन्यु; च—तथा; विक्रान्त:—पराक्रमी; उत्तमौजा:—उत्तमौजा; च—तथा; वीर्य-वान्—अत्यन्त शक्तिशाली; सौभद्र:—सुभद्रा का पुत्र; द्रौपदेया:—द्रोपदी के पुत्र; च—तथा; सर्वे—सभी; एव—निश्चय ही; महा-रथा:—महारथी।

अनुवाद

पराक्रमी युधामन्यु, अत्यन्त शक्तिशाली उत्तमौजा, सुभद्रा का पुत्र तथा द्रौपदी के पुत्र—ये सभी महारथी हैं।