HI/Prabhupada 0116 - अपना बहुमूल्य जीवन बर्बाद मत करो



Lecture with Allen Ginsberg at Ohio State University -- Columbus, May 12, 1969

आत्मा है, और यह शरीर इस आत्मा के मंच पर विकसित किया गया है और यही आत्मा एक शरीर से दूसरे की ओर पलायन कर रही है। यही उत्क्रांति कहा जाता है। और यह उत्क्रांति संबंधी प्रक्रिया चौरासी लाख योनियों में चल रही है, पानीमें रहने वाले जीव, पक्षी, जानवर, पौधे, और कई प्रजातियों में। और हमें अब यह विकसित चेतना, मानव जीवन के रूप मिली है। हमें इसका ठीक तरह से उपयोग करना चाहिए। यही हमारा कृष्ण भावनामृत आंदोलन है। हम केवल लोगों को शिक्षित कर रहै हैं, "अपना बहुमूल्य जीवन, मानव जीवन बर्बाद मत करो।" अगर तुम यह मौका गवॉ दोगे, तो तुम आत्महत्या कर रहे हो।" यह हमारा प्रचार है। आत्महत्या न करें। इस कृष्ण भावनामृत को अपना लो।

और यह प्रक्रिया बहुत सरल है। तुम्हें योग प्रणाली या दार्शनिक, सट्टा प्रणाली की तरह कठिन प्रक्रियाओं लेने की अावश्यक्ता नहीं। यह इस युग में संभव नहीं है। यह ... मैं अपने अनुभव से बात नहीं कर रहा हूँ, लेकिन मैं बड़े अाचार्यों और बड़े दिग्गज संतों का अनुभव ले रहा हूँ। वह कहते हैं, कलौ नास्ति एव नास्ति एव नास्ति एव गतिर् अन्यथा। अगर तुम अात्म साक्षात्कार करना चाहते हो, तुम अपना अगला जन्म जानना चाहते हो, यदि तुम भगवान क्या है यह पता करना चाहते हो, भगवान के साथ तुम्हारा रिश्ता क्या है यह पता करना चाहते हो, ये सब बातें तुम्हे पता चल जाएँगी - यही वास्तविक ज्ञान है - केवल इस मंत्र जाप से, हरे कृष्ण, हरे कृष्ण, कृष्ण कृष्ण, हरे हरे / हरे राम, हरे राम, राम राम हरे हरे। यह व्यावहारिक है। हम कुछ भी क़ीमत नहीं ले रहे हैं। हम तुम्हे झूठ नहीं बोल रहे हैं कि "मैं तुम्हे कुछ कुछ, गुप्त मंत्र दूँगा, और पचास डॉलर वसूल करूँगा।" नहीं। यह हर किसी के लिए खुला है। इसे ले लो। यह हमारा अनुरोध है। तुमसे हम भीख माँग रहे हैं, "अपना जीवन खराब मत करो।" यह मंत्र ले लो। जहाँ भी तुम जप करना चाहो करो।"

इसका पालन करने के लिए कोई कठोर नियम नहीं है। तुम जहाँ भी चाहो, जैसे भी चाहो, जीवन की किसी भी हालत में ... वैसे ही जैसे हमने आधे घंटे पहले जप किया। किसी भी हालत में, तुम्हे उत्साह को महसूस किया। इसी तरह, तुम इसे जारी रखो। इस हरे कृष्ण मंत्र का जप करो। यह तुम्हे मुफ्त में दिया गाया है। लेकिन अगर तुम तत्त्वज्ञान के माध्यम से यह हरे कृष्ण मंत्र क्या है यह पता करना चाहते हो, ज्ञान के माध्यम से, तर्क के माध्यम से, हमारे पास भारी मात्रा में पुस्तकें है। यह मत समझना कि हम बस भावुकतापूर्ण नाच रहे हैं, नहीं। हमारे पास पृष्ठाधार है। तो इस कृष्ण भावनामृत आंदोलन को समझने की कोशिश करो। मैं विशेष रूप से, तुम्हारे इस देश में अाया हूँ यह अच्छा संदेश देने के लिए, क्योंकि अगर तुम यह स्वीकार करते हो, अगर तुम कृष्ण भावनामृत का यह विज्ञान समझ सकते हो, दुनिया के अन्य भाग भी इसका पालन करेंगे, और दुनिया का चेहरा ही बदल जाएगा। यह एक तथ्य है।