HI/Prabhupada 0215 - आपको पढ़ना होगा । तो आप समझ पाअोगे
Interview with Newsweek -- July 14, 1976, New York
प्रश्नकर्ता: आप मुझे अपने बारे में कुछ बता सकते हैं, जब अाप छोटे थे, अाप क्या करते थे, अौर क्या ....
प्रभुपाद: मैं आपको क्यों बताऊँ ?
प्रश्नकर्ता: मुझे माफ करना?
प्रभुपाद: मैं आपको क्यों बताऊँ?
प्रश्नकर्ता: यदि आप चाहते हैं ।
प्रभुपाद: मैं क्यों चाहूँ?
प्रश्नकर्ता: ठीक है, पत्रकारों को एसे सवाल पूछने पडते हैं । अन्यथा मैं कारोबार से बाहर हो जाऊँगा ।
हरि-शौरि: प्रभुपाद उम्मीद कर रहे हैं कि आप कुछ प्रासंगिक सवाल करेंगे ...
रामेश्वर: लोग आपके बारे में जानने में रुचि रखते हैं, श्रील प्रभुपाद । अौर अगर वे आप में रुचि लेते हैं, तो वे स्वचालित रूप से अापकी किताबों में दिलचस्पी लेंगे । वे बहुत उत्सुक हैं इन सभी पुस्तकों के लेखक के बारे में जानने के लिए जो हम बेच रहे हैं ।
प्रभुपाद: लेकिन ये किताबें, किताबें ... हम पुस्तकों के बारे में बात करेंगे । क्या यह निर्भर करता है, लेखक पहले क्या कर रहा था?
प्रश्नकर्ता: अाप कई पुस्तकों के अनुवादक हैं, जहॉ तक मुझे पता है ।
प्रभुपाद: हाँ । तो यह अनुवाद, पुस्तक, बात करेगा कि कैसे मैंने अनुवाद किया है ।
प्रश्नकर्ता: उम हम्म । मैं सोच रही थी ...
प्रभुपाद: आप किताबों को पढ़ना, तो आपकी समझ में आ जाएगा । मुझसे पूछने की बजाय, बेहतर है आप इन किताबों को पढ़ें । यही असली समझ है ।
प्रश्नकर्ता: मैं सोच रही थी कि व्यक्तिगत रूप से उनकी रुचि कैसे हुई या वे शामिल कैसे हुए और उनकी चेतना तक पहुँचने का मार्ग क्या था ।
रामेश्वर: अच्छा । वह अापके गुरु महाराज के साथ अापके रिश्ते के बारे में पूछ रही है, कैसे आप कृष्ण भावनामृत आंदोलन शुरू करने के लिए प्रेरित हो गए और इतनी सारी किताबें लिखी ।
प्रभुपाद: इन बातों का जवाब तुम दे सकते हो । यह जनता के लिए बहुत महत्वपूर्ण बातें नहीं हैं ।
रामेश्वर: मुझे लगता है कि जनता हमेशा आंदोलन के पीछे व्यक्ति के बारे में पता करना पसंद करती है ।
महिला अतिथि: हाँ, यह मदद करता है । लोग रुचि रखते हैं । वे रुचि रखते हैं आप की तरह एक आदमी के विकास में, क्योंकि लोग संबंध जोडते हैं । और उस तरह से वे तय करते हैं आपके लिखे हुए को पढ़ना ।
प्रभुपाद: पहली बात यह है कि अगर आप हमारी पुस्तक में रुचि रखते हैं, तो आप हमारी किताबें पढ़ें । आप समझ जाअोगे ।
प्रश्नकर्ता: आपको समझने के लिए?
प्रभुपाद: हाँ ।
प्रश्नकर्ता: आप यह कह रहे हैं ?
प्रभुपाद: हाँ ।
प्रश्नकर्ता: वह क्या यह कह रहे हैं?
प्रभुपाद: एक आदमी जाना जाता है जब वह बोलता है । जब वह बोलता है । तावच च शोभते मूर्खो यावत किन्चिन न भाशते : "जब तक एक मूर्ख न बोले वह सुंदर है ।" जब वह बोलता है, तो आप समझ सकते हैं वह क्या है । तो मेरा बोलना मेरी किताबों में है, और अगर आप बुद्धिमान हैं, तो आप समझ सकते हो । आपको पूछने की ज़रूरत नहीं है । बोलना.... जैसे एक अदालत में । एक बड़ा वकील जाना जाता है जब वह बोलता है । वरना हर कोई एक अच्छा वकील है । लेकिन जब वह अदालत में बोलता है, तो वह जाना जाता है, कि वह अच्छा वकील है या नहीं । तो अापको सुनना होगा । आपको पढ़ना होगा । तो आप समझ पाअोगे । वास्तविक समझ वहॉ है ।