HI/Prabhupada 0829 - चार दीवार तुम्हे सुनेंगे । यह पर्याप्त है। निराश मत होना । जप करते रहो: Difference between revisions
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प्रद्युम्न: "श्रील रूप गोस्वामी नें शुभता की एक परिभाषा दी | प्रद्युम्न: "श्रील रूप गोस्वामी नें शुभता की एक परिभाषा दी है । उनका कहना है कि वास्तविक शुभता है दुनिया के सभी लोगों के लिए कल्याणकारी गतिविधियॉ ।" | ||
प्रभुपाद: | प्रभुपाद: हाँ । जैसे यह कृष्ण भावनामृत आंदोलन की तरह: यह दुनिया के सभी लोगों के लिए कल्याणकारी गतिविधि है । यह एक सांप्रदायिक आंदोलन नहीं है, केवल मनुष्य के लिए ही नहीं, लेकिन जानवर, पक्षी, पेड़, हर किसी के लिए । यह चर्चा हुई थी भगवान चैतन्य की हारिदास ठाकुर के साथ । उस बयान में हरिदास ठाकुर पुष्टि करते हैं कि जोर से हरे कृष्ण मंत्र के कीर्तन से वृक्ष, पक्षी, जानवर, हर किसी को लाभ होगा । यह नामाचार्य हरिदास ठाकुर का बयान है । | ||
तो जब हम जोर से हरे कृष्ण मंत्र का कीर्तन करते हैं, यह सभी के लिए फायदेमंद है । यह बयान मेलबोर्न में अदालत के आगे रखा गया था । अदालत नें पूछा की, "तुम क्यों गली में जोर से हरे कृष्ण मंत्र का जाप करते हो ?" उत्तर हमने यह दिया कि "बस सभी लोगों के लाभ के लिए ।" वास्तव में, यह तथ्य है । अवश्य, अब सरकार से कोई परेशानी नहीं होती है । हम सड़कों पर बहुत स्वतंत्र रूप से जप कर रहे हैं । यही फायदा है । | |||
अगर हम हरे कृष्ण मंत्र का जप करते है, यह हर किसी के लाभ के लिए है, न कि केवल मनुष्य के लिए । मेरे गुरु महाराज कहते थे, अगर कोई शिकायत करता है, "हम जाते हैं अौर कीर्तन करते हैं, लेकिन कोई भी हमारी बैठक में नहीं आता है" तो गुरु महाराज जवाब देते थे कि "क्यों ? चार दीवार तुम्हे सुनेंगी । यह पर्याप्त है । निराश मत होना । कीर्तन करते रहो । अगर चार दीवार हैं, वे सुनेंगे । बस इतना ही ।" | |||
तो कीर्तन इतना प्रभावशाली है की यह जानवर, पक्षी, कीड़े, हर किसी को लाभ देगा । लगे रहो । यह सबसे अच्छी कल्याणकारी गतिविधि है । मानव समाज में कल्याणकारी गतिविधियॉ हैं किसी समाज या राष्ट्र या समुदाय या मनुष्य के लिए । लेकिन यह कल्याणकारी गतिविधि मानव समाज के लिए ही नहीं लेकिन पक्षी, जानवर, पेड़, पशु, हर किसी के लिए लाभप्रद है । यह सबसे अच्छा है, सबसे उत्तम कल्याणकारी गतिविधि, कृष्ण भावनामृत को फैलाअो । | |||
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Latest revision as of 17:44, 1 October 2020
The Nectar of Devotion -- Vrndavana, November 7, 1972
प्रद्युम्न: "श्रील रूप गोस्वामी नें शुभता की एक परिभाषा दी है । उनका कहना है कि वास्तविक शुभता है दुनिया के सभी लोगों के लिए कल्याणकारी गतिविधियॉ ।"
प्रभुपाद: हाँ । जैसे यह कृष्ण भावनामृत आंदोलन की तरह: यह दुनिया के सभी लोगों के लिए कल्याणकारी गतिविधि है । यह एक सांप्रदायिक आंदोलन नहीं है, केवल मनुष्य के लिए ही नहीं, लेकिन जानवर, पक्षी, पेड़, हर किसी के लिए । यह चर्चा हुई थी भगवान चैतन्य की हारिदास ठाकुर के साथ । उस बयान में हरिदास ठाकुर पुष्टि करते हैं कि जोर से हरे कृष्ण मंत्र के कीर्तन से वृक्ष, पक्षी, जानवर, हर किसी को लाभ होगा । यह नामाचार्य हरिदास ठाकुर का बयान है ।
तो जब हम जोर से हरे कृष्ण मंत्र का कीर्तन करते हैं, यह सभी के लिए फायदेमंद है । यह बयान मेलबोर्न में अदालत के आगे रखा गया था । अदालत नें पूछा की, "तुम क्यों गली में जोर से हरे कृष्ण मंत्र का जाप करते हो ?" उत्तर हमने यह दिया कि "बस सभी लोगों के लाभ के लिए ।" वास्तव में, यह तथ्य है । अवश्य, अब सरकार से कोई परेशानी नहीं होती है । हम सड़कों पर बहुत स्वतंत्र रूप से जप कर रहे हैं । यही फायदा है ।
अगर हम हरे कृष्ण मंत्र का जप करते है, यह हर किसी के लाभ के लिए है, न कि केवल मनुष्य के लिए । मेरे गुरु महाराज कहते थे, अगर कोई शिकायत करता है, "हम जाते हैं अौर कीर्तन करते हैं, लेकिन कोई भी हमारी बैठक में नहीं आता है" तो गुरु महाराज जवाब देते थे कि "क्यों ? चार दीवार तुम्हे सुनेंगी । यह पर्याप्त है । निराश मत होना । कीर्तन करते रहो । अगर चार दीवार हैं, वे सुनेंगे । बस इतना ही ।"
तो कीर्तन इतना प्रभावशाली है की यह जानवर, पक्षी, कीड़े, हर किसी को लाभ देगा । लगे रहो । यह सबसे अच्छी कल्याणकारी गतिविधि है । मानव समाज में कल्याणकारी गतिविधियॉ हैं किसी समाज या राष्ट्र या समुदाय या मनुष्य के लिए । लेकिन यह कल्याणकारी गतिविधि मानव समाज के लिए ही नहीं लेकिन पक्षी, जानवर, पेड़, पशु, हर किसी के लिए लाभप्रद है । यह सबसे अच्छा है, सबसे उत्तम कल्याणकारी गतिविधि, कृष्ण भावनामृत को फैलाअो ।