HI/661231 प्रवचन - श्रील प्रभुपाद न्यूयार्क में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं: Difference between revisions

 
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{{Audiobox_NDrops|Nectar Drops from Srila Prabhupada|<mp3player>https://s3.amazonaws.com/vanipedia/Nectar+Drops/661231CC-NEW_YORK_ND_01.mp3</mp3player>|"परमपिता भगवान् सब से ज्येष्ठ हैं, लेकिन जब तुम उन्हें पाओ गे, उन्हें किशोरावस्था में ही पाओ गे। आध्यं पुराणपुरूषं नवयोवनं च (ब्रह्म संहिता ५.३३) नवयोवनं का अर्थ है किशोरावस्था। भगवान् श्री चैतन्य महाप्रभु जी ने व्याख्या की है कि यह भगवान् का एक और गुण है। किशोर-शेखर-धर्मी विजेन्द्र-नन्द। किशोर-शेखर ! किशोर आयु- ग्यारह से सोलह वर्ष की आयु को कहते हैं। अंग्रेज़ी में इसे क्या कहते हैं? एडोलेसेंट। हाँ! यही काल... अत: कृष्ण सदैव स्वयं को ग्यारह से सोलह के किशोर के रूप में दर्शते  हैं, इससे अधिक नहीं। कुरूक्षेत्र के युद्ध में वे परदादा थे फिर भी उनके नक़्श किशोरावस्था के किशोर (लड़के) की भाँति ही थे।"|Vanisource:661231 - Lecture CC Madhya 20.367-384 - New York|661231 - Lecture CC Madhya 20.367-384 - New York}}
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{{Nectar Drops navigation - All Languages|Hindi|HI/661228 प्रवचन - श्रील प्रभुपाद न्यूयार्क में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं|661228|HI/670101 प्रवचन - श्रील प्रभुपाद न्यूयार्क में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं|670101}}
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{{Audiobox_NDrops|HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी|<mp3player>https://s3.amazonaws.com/vanipedia/Nectar+Drops/661231CC-NEW_YORK_ND_01.mp3</mp3player>|"परम पुरुषोत्तम भगवान् सब से वृद्ध हैं, किन्तु जब आप उन्हें देखेंगे, उन्हें किशोरावस्था में ही पाएँगे। आद्यं पुराणपुरूषं नवयोवनं च (ब्रह्म संहिता ५.३३)नवयोवनं का अर्थ है किशोरावस्था। भगवान् श्री चैतन्य महाप्रभु ने व्याख्या की है कि यह भगवान् की एक और विशेषता है। किशोर-शेखर-धर्मी विजेन्द्र-नन्दन। किशोर-शेखर। किशोर आयु - ग्यारह से सोलह वर्ष की आयु को कहा जाता है। अंग्रेज़ी में इसे क्या कहते हैं ? एडोलेसेंस ? हाँ। यह आयु... कृष्ण सदैव स्वयं को ग्यारह से सोलह के किशोर के रूप में दर्शाते हैं, इससे अधिक नहीं। कुरूक्षेत्र के युद्ध में भी वे परदादा थे फिर भी उनका रूप किशोरावस्था के किशोर की भाँति ही था।" |Vanisource:661231 - Lecture CC Madhya 20.367-384 - New York|661231 - प्रवचन चै.च. मध्य २०.३६७-३८४ - न्यूयार्क}}

Latest revision as of 03:33, 8 April 2022

HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी
"परम पुरुषोत्तम भगवान् सब से वृद्ध हैं, किन्तु जब आप उन्हें देखेंगे, उन्हें किशोरावस्था में ही पाएँगे। आद्यं पुराणपुरूषं नवयोवनं च (ब्रह्म संहिता ५.३३)। नवयोवनं का अर्थ है किशोरावस्था। भगवान् श्री चैतन्य महाप्रभु ने व्याख्या की है कि यह भगवान् की एक और विशेषता है। किशोर-शेखर-धर्मी विजेन्द्र-नन्दन। किशोर-शेखर। किशोर आयु - ग्यारह से सोलह वर्ष की आयु को कहा जाता है। अंग्रेज़ी में इसे क्या कहते हैं ? एडोलेसेंस ? हाँ। यह आयु... कृष्ण सदैव स्वयं को ग्यारह से सोलह के किशोर के रूप में दर्शाते हैं, इससे अधिक नहीं। कुरूक्षेत्र के युद्ध में भी वे परदादा थे फिर भी उनका रूप किशोरावस्था के किशोर की भाँति ही था।"
661231 - प्रवचन चै.च. मध्य २०.३६७-३८४ - न्यूयार्क